Mahakumbh 2025. महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया है. कुंभ मेले के भव्यता की चर्चा न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हो रही है. इस आयोजन में देशभर से तो लोग आ ही रहे हैं. साथ ही सात समंदर पार के लोग भी संगम नगरी में पधार रहे हैं. महाकुंभ में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. आज सुबह से ही 17.27 लाख श्रद्धालुओं ने संगम में पवित्र स्नान किया. महाकुंभ में अब तक कुल 7.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया है. वहीं इस धार्मिक आयोजन में 10 लाख से अधिक लोग कल्पवास भी कर रहे हैं, जो अपनी श्रद्धा और आस्था का प्रदर्शन कर रहे हैं.
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बता दें कि महाकुंभ 2025 को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है. यही कारण है कि पहले दिन की 1.50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी. यहीं नहीं दूसरे दिन यानी मकर संक्रांति के अवसर पर भी 3.50 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में स्नान किया था. लोगों के स्नान करने का आकड़ा हर रोज बढ़ता ही जा रहा है, जो 7.30 करोड़ तक जा पहुंचा है. ये आंकड़ा बताता है कि महाकुंभ को लेकर लोगों में अपार श्रद्धा है.
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महाकुंभ क्यों मनाया जाता है
पौराणिक कथा के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिन घमासान युद्ध हुआ. अमृत को पाने की लड़ाई के बीच कलश से अमृत की कुछ बूंदें धरती के चार स्थानों पर गिरी थीं. ये जगह हैं प्रयागराज, उज्जैन, हरिद्वार और नासिक. इन्हीं चारों जगहों पर कुंभ का मेला लगता है.
जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं तब कुंभ मेला प्रयागराज में आयोजित किया जाता है. जब गुरु और सूर्य सिंह राशि में होते हैं तब कुंभ मेला नासिक में आयोजित होता है. गुरु के सिंह राशि और सूर्य के मेष राशि में होने पर कुंभ मेला उज्जैन में आयोजित होता है. सूर्य मेष राशि और गुरु कुंभ राशि में होते हैं तब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है.
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