Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 की तैयारी प्रयागराज में युद्धस्तर पर चल रही है. महाकुंभ 13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा. महाकुंभ में जमीन से लेकर आसमान तक, नदी में नाव तो आसमान में ड्रोन से पहरेदारी होगी. मेले में घुडसवार लगातार निगरानी करेंगे. योगी सरकार ने सुरक्षा व्यवस्था इतनी चाक चौबंद कर लिया है कि बिना इजाजत परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. सुरक्षा व्यवस्था जितना हाइटेक किया जा रहा है उतना ही परंपरागत तरीके से सुरक्षा व्यवस्था को संभाला जा रहा है. जिसके लिए महाकुंभ में कई नस्ल के घोड़े मंगाए गए हैं.
मारवाड़ी, काठियावाड़ी से लेकर इंग्लैंड और अमेरिका के घोड़े भी शामिल हैं. इन घोड़ों को स्तबल में परीक्षण दिया जा रहा है. इन घोड़ों को भीड़ नियंत्रण के लिए ट्रेंड किया जा रहा है. मेले की ड्यूटी में तैनात घोड़ों के डाइट का और उनकी चिकित्सकीय सुविधा का खास ध्यान रखा जा रहा. किसी अनहोनी से निपटने के लिए 130 घोड़े और 166 पुलिस कर्मी व स्टाफ तैनात किये गए हैं.
अमेरिका और इंग्लैंड के घोड़े तैयार
महाकुंभ मेले के लिए सेना से अमेरिकन बाम ब्लड, इंग्लैंड का थ्रो नस्ल का घोड़ा खरीदा गया है. इसके अलावा भारतीय नस्ल के घोड़े भी हैं, इनमें से कुछ घोड़े सेना से भी खरीदे गए हैं. जिन्हें विशेष तरीके से ट्रेंड किया गया है. घोड़ों को मुरादाबाद और सीतापुर ट्रेंनिंग सेंटर में प्रशिक्षित किया गया है.
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रोजाना गस्त पर निकलते हैं घोड़े
बता दें कि घोड़ों को रोजाना महाकुम्भ मेला क्षेत्र की भौगोलिक स्थितियों से परिचय कराने के लिए घुड़सवार पुलिस सुबह और शाम मेला क्षेत्र में गस्त पर निकलती है. घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सक भी नियुक्त किए गए हैं.
घोड़े और घुड़सवार पुलिस बल की संख्या
महाकुंभ मेले में 130 घोड़े तैनात किए गए हैं. 131 घुड़सवार पुलिस को तैनात किया गया है. जिसमें इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं. घोड़ों की सेवा में अन्य 35 स्टाफ की भी ड्यूटी लगाई गई है.
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प्रमुख घोड़ों का नाम
दारा, राका, शाहीन, जैकी, गौरी, अहिल्या, रणकुम्भ
एक घोड़े का प्रतिदिन का डाइट चार्ट
- 1 किलो चना
- 100 ग्राम गुड़
- 100 ग्राम अलसी का तेल
- 2 किलो जौ
- 1 किलो चोकर
- 25 किलो हरी घास
- 30 ग्राम नमक
घोड़ों की सेहत और देखभाल
- घोड़ों के लिए तीन पशु चिकित्सकों की नियुक्ति की गई है.
- घोड़ों की तीन टाइम मालिश की जाती है.
- घोड़ों के बालों की कटिंग महीने में एक बार होती है.
- घोड़ों के पैरों के नाल महीने में एक बार बदले जाते हैं.
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