Mahalaxmi Vrat 2025: धार्मिक मान्यताओं में वर्ष भर सैकड़ों पर्व, उत्सव और व्रत-उपवास मनाए जाते हैं, लेकिन महालक्ष्मी व्रत एक ऐसा अद्भुत संयोग है जिसे श्राद्ध पक्ष में मनाने का विधान है. इस वर्ष यह व्रत 14 सितंबर, रविवार को रखा जाएगा. मान्यता है कि इस दिन गज पर विराजमान महालक्ष्मी की पूजा करने से परिवार को स्थिर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है और घर में स्थायी सुख-समृद्धि का वास होता है. श्राद्ध पक्ष में जहां कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता, वहीं महालक्ष्मी व्रत श्रद्धपक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है. यह व्रत भाद्रपद शुक्ल अष्टमी से शुरू होकर 16 दिनों तक चलता है और आश्विन कृष्ण अष्टमी को पूर्ण होता है.

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पूजा विधि (Mahalaxmi Vrat 2025)

सुबह स्नान कर महिलाएं शुद्ध वस्त्र धारण करती हैं. गज पर सवार लक्ष्मी माता की प्रतिमा या मिट्टी से बने हाथी की प्रतिमा की स्थापना कर दीप, धूप, पुष्प और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं. 108 दूर्वा से जल अर्पण का विशेष महत्व बताया गया है.

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सोना खरीदने की परंपरा (Mahalaxmi Vrat 2025)

ग्रंथों में इस दिन सोना खरीदना शुभ माना गया है. मान्यता है कि ऐसा करने से लक्ष्मीजी की कृपा स्थायी रूप से घर में बनी रहती है.

व्रत का फल (Mahalaxmi Vrat 2025)

श्रद्धा और नियमपूर्वक किया गया महालक्ष्मी व्रत न केवल धन-धान्य की वृद्धि करता है, बल्कि परिवार में सौभाग्य, ऐक्य और स्थिर लक्ष्मी का आशीर्वाद भी सुनिश्चित करता है.

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