शशिकांत डिक्सेना, कोरबा. महानदी के जल को लेकर छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच बीते 40 सालों से विवाद(Mahanadi Water Dispute) चल रहा है. इसे लेकर ओडिशा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर विवाद का पटाक्षेप करने केंद्रीय जल विवाद न्यायाधिकरण की टीम का प्रदेश में 18 अप्रैल से दौरा चल रहा है. आज दूसरे चरण में 30 अप्रैल से टीम बिलासपुर संभाग के दौरे पर आ रही है. आज टीम कोरबा जिले के हसदेव बांगों बैराज का निरीक्षण करने पहुंची.

बता दें कि 1983 में शुरू हुआ यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है. कोर्ट के निर्देश पर महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन किया गया था. न्यायाधिक सुनवाई हो चुकी है, लेकिन विवाद का हल नहीं निकल पाया है. महानदी के जलस्तर को देखते हुए न्यायाधिकरण अब दोनों राज्यों के बीच जल बंटवारे का स्वरूप तलाश रहा है. ओडिशा सरकार ने 19 नवंबर 2016 को केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय को नदी में जलस्तर घटने और नदी के नीचे की ओर सूखने की शिकायत की थी.

इसके साथ ही केंद्र सरकार के जरिये दोनों राज्यों के बीच सहमति नहीं बन पाया. जिसके बाद महानदी के पानी को लेकर ओडिशा और छत्तीसगढ़ दोनों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए केंद्र सरकार ने 12 मार्च 2018 को एक न्यायाधिकरण का गठन किया था. प्रदेश के विशेषज्ञ आला अधिकारी सतर्क और अलर्ट हैं. टीम के सवालों का जवाब देने के लिए प्रदेश के 22 वरिष्ठ अधिकारियों को चुना गया है.

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