सत्यपाल सिंह, रायपुर। छत्तीसगढ़ का एक महत्वपूर्व विभाग संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग. लेकिन यह विभाग अपने बीते कुछ सालों से अपने सांस्कृतिक गौरवशाली विरासत के लिए कम विवादों के लिए ज्यादा चर्चा में रहा है. यहाँ कभी नियुक्ति, कभी फर्जीवाड़ा, कभी कमीशखोरी, कभी अपने चेहतों को काम तो कभी स्थानीय बनाम बाहरी काम-काज तो कभी छत्तीसगढ़िया कलाकारों की उपेक्षा के लिए बदनाम रहा. एक बार तो यहाँ आगजनी की एक ऐसी घटना हुई तो जिसके बाद कहा गया कि घोटालों की फाइलें जला दी गई थी.

खैर इसी कड़ी में एक ताजा मामला सामने आया है. मामला है महंत घासीदास संग्राहलय में हुए टेंडर का. आरोप टेंडर जो प्रकिया अपनाई गई उसमें बड़ी गड़बड़ी है. आरोप है कि यहां के कुछ अधिकारियों ने अपने चेहते फर्म को ठेका दिलवाया था. आरोप ये भी कि लाखों रुपये के इस कार्य में एक ऐसे अधिकारी महत्वपूर्ण भूमिका रही है जिनके पास जिनके पास आहरण संवितरण का कोई अधिकारी ही नहीं.

दरअसल महंत घासीदास संग्राहलय के मुख्य इमारत में नई कलाकृतियों के साथ रंग-रोगन के लिए 21 लाख रुपये के कार्यवाली निविदा निकाली गई. टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि 26 जुलाई 2018 थी. इस तिथि दो फर्म ने फार्म जमा कर दिए थे. लेकिन मेसर्स फरजान खान प्रो.प्रीमियर इंटर रायपुर का निविदा 27 जुलाई 2018 को प्राप्त हुआ. लेकिन टेंडर प्रकिया में शामिल समिति ने इसे 26 जुलाई 2018 में दर्शा दिया.


इस मामले का खुलासा हुआ सूचना के अधिकार से मिले दस्तावेजों से. मामले का खुलास करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता आशीष सोनी का आरोप है कि इसमें चहेती कंपनी को ठेका देने के लिए ऐसा किया गया है. क्योंकि नियम के मुताबिक अगर सिर्फ दो ही निविदा होती तो टेंडर प्रकिया रद्द कर दी जाती है. लिहाजा उससे बचने के लिए 27 जून को प्राप्त मेसर्स फरजान की निविदा को 26 जुलाई 2018 की तारीख में दर्शा दिया.


निविदा शामिल समिति के सदस्य-
विभागीय अधिकारीगण- राहुल सिंह (उप संचालक), प्रताप चंद पारख ( महंत घासीदास संग्रहालय अध्यक्ष), के.पी.वर्मा (मुख्य रसायनज्ञ), सी.केरकेट्टा(उप संचालक) एवं सुरेन्द्र शर्मा लेखा अधिकारी.

आशीष सोनी का उनका यह भी आरोप है कि महंत घासीदास संग्रहालय अध्यक्ष प्रताप चंद्र पारख के पास आहरण संवितरण का अधिकार नहीं लेकिन वे बीते कई सालों से स्वयंभू इसका दुरुपयोग कर रहे हैं. आशीष ने इस मामले की शिकायत संस्कृति मंत्री ताम्रध्वज साहू, संस्कृति सचिव एम. गीता से कर तत्काल कार्रवाई की मांग की है.