रायपुर. विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करते समय डॉ. चरण दास महंत अपने पिता बिसाहू दास महंत की स्मृति को अपने साथ लिए रहे. उन्होंने नामांकन दाखिल करते समय पिता के पेन से दस्तखत किया.
डॉ. महंत ने बताया कि नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करते समय ही 1974-75 के इस पेन का इस्तेमाल करते हैं. मध्यप्रदेश में 1993 में मंत्री बनने के दौरान और केंद्रीय मंत्री बनने के दौरान भी इसी पेन का इस्तेमाल किया था. इस पेन से दस्तखत करने के दौरान महसूस होता है कि पिता का आशीर्वाद मेरे साथ है. उन्होंने बताया कि न केवल पेन बल्कि अपने पिता की अनेक स्मृतियों को सहेजकर रखा है. 1988 में अर्जुन सिंह के जमाने में कृषि राज्य मंत्री बनने के दौरान पिताजी का कुर्ता पहना था.
पिता की अनेक स्मृतियों को रखा है सहेज कर
उन्होंने बताया कि पिताजी के कपड़े, उनकी ब्रश जैसी कई अन्य चीजों को हमने सहेजकर रखा है. पिता की मृत्यु जब हुई तब मैं 24 साल का था. तब से मैं अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहा हूं. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दाखिल करने के बाद चर्चा में कहा कि मैं विश्वास दिलाता हूं कि पक्ष-विपक्ष के साथियों का सम्मान बनाकर रखूंगा. मुझे विश्वास है कि मैं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन बखूबी करुंगा.