आशुतोष तिवारी, जगदलपुर। बीती रात एक मरीज को लेकर महारानी अस्पताल में जो कुछ हुआ, उसने एक बार फिर शहर के सबसे पुराने सरकारी अस्पताल की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मार्केल निवासी युवराज सेठिया को किसी जहरीले कीड़े ने काट लिया था। उसकी हालत बिगड़ती देख परिजन उसे रात करीब 2:45 बजे महारानी अस्पताल लेकर पहुंचे। लेकिन वहां उसे इलाज की जगह व्यवहार में उपेक्षा और भ्रम का सामना करना पड़ा।

गलत उम्र, बदला रुख और वीआईपी परमिशन की मांग

परिजनों का आरोप है कि पर्ची बनवाते समय युवराज की उम्र 18 वर्ष की जगह 50 वर्ष लिख दी गई। इलाज के दौरान जब तक ग्लूकोज की बोतल चढ़ाई जा रही थी, सब सामान्य था। लेकिन नाइट ड्यूटी में तैनात स्टाफ नर्स नीति भंडारी का रवैया अचानक बदल गया। परिजनों के मुताबिक नर्स ने कहा कि अगर किसी वीआईपी को जानते हो तो उसका परमिशन ले आओ, तभी मरीज को एडमिट किया जाएगा। यह सुनकर परिजन स्तब्ध रह गए। जोगेंद्र सेठिया, जो मरीज के रिश्तेदार हैं, उन्होंने आरोप लगाया कि नर्स ने मरीज को भर्ती करने से इनकार कर दिया और उल्टे पुलिस को बुलाकर एक एप्लिकेशन जबरन साइन करवाया, जिसमें लिखा गया कि आप मरीज को अपनी मर्जी से ले जा रहे हैं।

ड्रिप बंद करने पर भी विवाद

जोगेंद्र सेठिया का कहना है कि जब उन्होंने नर्स से ड्रिप पूरी होने पर उसे हटाने की गुहार लगाई, तो नर्स ने साफ मना कर दिया। सहयोगी स्वास्थ्यकर्मी द्वारा ड्रिप हटाने के बाद नीति भंडारी अपने ही स्टाफ पर भड़क उठीं। इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो परिजन ने रिकॉर्ड कर लिया है, जिसमें उनकी बातों की पुष्टि भी होती है।

मामले की होगी जांच : अस्पताल प्रशासन

इस मामले पर जब अस्पताल अधीक्षक डॉ. संजय प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि मरीज का इलाज किया गया था और रात में उसे रेफर करने की प्रक्रिया चल रही थी। अगर परिजनों की ओर से किसी तरह के आरोप लगाए गए हैं, तो उसकी जांच करवाई जाएगी। किसी की भी गलती पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।

महारानी अस्पताल का यह मामला सिर्फ एक व्यक्ति की नाराजगी नहीं, बल्कि सरकारी स्वास्थ्य सेवा की कार्यशैली पर उठता एक गंभीर सवाल है। अगर अस्पताल वाकई वीआईपी परमिशन के बिना इलाज से इनकार करता है, तो यह न केवल नैतिक रूप से गलत है बल्कि संवैधानिक स्वास्थ्य अधिकारों के भी विरुद्ध है। जरूरत है निष्पक्ष जांच और जवाबदेही की ताकि आम लोगों का भरोसा सरकारी संस्थाओं पर बना रहे।