महाराष्ट्र के कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे(Manikrao Kokate) और उनके भाई सुनील कोकाटे, जो अजित पवार गुट की एनसीपी के नेता हैं. दोनों को नासिक जिला न्यायालय ने दो साल की सजा सुनाई है. 1995 के एक मामले में, कोर्ट ने कृषि मंत्री को 2 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई . 1995 में, माणिकराव कोकाटे और उनके भाई के खिलाफ दस्तावेजों से छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया था. उन्हें आज से 30 साल पहले किन्हीं दस्तावेजों से छेड़छाड़ और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था.उनके खिलाफ पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोले ने शिकायत की थी. नासिक जिला न्यायालय ने अब माणिकराव कोकाटे के खिलाफ निर्णय लिया है.

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1995 में दर्ज हुआ था मामला

1995 में माणिकराव कोकाटे पर दस्तावेजों में हेराफेरी और धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया था. इस मामले में पूर्व मंत्री तुकाराम दिघोळे ने याचिका प्रस्तुत की थी. यह अपराध नासिक के सरकार वाड़ा पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था. यह मामला 1997 से न्यायालय में विचाराधीन था और अब इसका निर्णय आ गया है.

इस मामले में चार आरोपी थे, जिनमें माणिकराव कोकाटे, उनके भाई और दो अन्य व्यक्ति शामिल थे. हालांकि, न्यायालय ने अन्य दो आरोपियों को किसी भी प्रकार की सजा नहीं दी है.

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क्या मंत्री पद और विधायक पद जाएगा?

न्यायालय ने माणिकराव कोकाटे को दो वर्ष की सजा दी है. नियमों के अनुसार, यदि किसी जनप्रतिनिधि को दो वर्ष या उससे अधिक की सजा मिलती है, तो उसकी सदस्यता समाप्त की जा सकती है. इस स्थिति में, माणिकराव कोकाटे को मंत्री और विधायक दोनों पदों से हाथ धोना पड़ सकता है. ऐसा होने पर उनके राजनीतिक करियर पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा.

अब यह देखना आवश्यक होगा कि माणिकराव कोकाटे उच्च न्यायालय में जाकर इस सजा को चुनौती देते हैं या नहीं. इस निर्णय ने अजित पवार गुट को एक और बड़ा झटका दिया है. इससे पहले धनंजय मुंडे विवादों में फंसे थे, और अब राष्ट्रवादी कांग्रेस (NCP) के एक अन्य मंत्री की समस्याएं बढ़ गई हैं. इस मामले में माणिकराव कोकाटे, अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस द्वारा उठाए जाने वाले कदमों पर सभी की निगाहें हैं.

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क्या है पूरा मामला?

यह घटना 1995 से 1997 के बीच की है. माणिकराव कोकाटे और उनके भाई सुनील कोकाटे ने सरकारी आवासीय योजनाओं के अंतर्गत फ्लैट प्राप्त किए थे. उन्होंने यह दावा किया था कि उनकी आय कम है और उनके पास कोई पूर्व का आवास नहीं है. इसी आधार पर उन्हें ये फ्लैट सरकारी योजना के तहत आवंटित किए गए थे. हालांकि, बाद में अधिकारियों ने इस मामले में अनियमितताओं की शिकायत की थी.

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कौन हैं माणिक राव कोकाटे?

माणिकराव कोकाटे महाराष्ट्र के प्रमुख नेताओं में से एक हैं. वे सिन्नर क्षेत्र से विधायक के रूप में कार्यरत हैं. 67 वर्ष की आयु में, कोकाटे एक ग्रेजुएट प्रोफेशनल हैं, जैसा कि उनके शैक्षणिक रिकॉर्ड से स्पष्ट है. उनकी कुल संपत्ति 48.4 करोड़ रुपये है, जिसमें 17.3 करोड़ रुपये की चल संपत्ति और 31.1 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति शामिल है.

माणिकराव कोकाटे ने राजनीति में बहुत कम उम्र में प्रवेश किया. उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत कांग्रेस से की. इसके बाद, उन्होंने शरद पवार की एनसीपी में शामिल होने का निर्णय लिया. जब एनसीपी ने उन्हें सिन्नर विधानसभा क्षेत्र से टिकट देने से मना कर दिया, तो उन्होंने पार्टी छोड़कर शिवसेना में शामिल होने का निर्णय लिया. शिवसेना के टिकट पर उन्होंने 1999 और 2004 में सिन्नर से चुनाव जीतने में सफलता प्राप्त की. इसके बाद, वे शिवसेना से कांग्रेस में चले गए और 2009 में कांग्रेस के टिकट पर फिर से इस सीट पर जीत हासिल की.

1. वर्ष 2014 में वे बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन इस बार उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने नासिक सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, जहां उन्हें शिवसेना के प्रत्याशी से हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद, वे पुनः एनसीपी में शामिल हो गए.