वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर देशभर में चर्चाएं चल रही है। इसी बीच हिंदूवादी नेता महाराष्ट्र BJP के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया का बड़ा बयान सामने आया है। पवैया ने मुस्लिम समाज को अगाह करते हुए कहा कि” ज्ञानवापी एक अवसर है, काशी और मथुरा पर सत्य के सामने समर्पण करने से मुस्लिम समाज सद्भाव की नींव रख सकता है। अन्यथा…
कर्ण मिश्रा, ग्वालियर। वाराणसी के ज्ञानवापी में सर्वे का काम पूरा हो गया है। वीडियोग्राफिक सर्वे के बाद कागजी कार्रवाई की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि, सर्वे के दौरान स्वास्तिक, ओम समेत कई निशान मिले हैं। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर जमकर सियासत भी जारी है।
हिंदूवादी नेता महाराष्ट्र BJP के सह प्रभारी जयभान सिंह पवैया ने कहा कि ज्ञानवापी एक अवसर है, काशी और मथुरा पर सत्य के सामने समर्पण करने से मुस्लिम समाज सद्भाव की नींव रख सकता है। अन्यथा तीन नहीं, तीस हजार…। उन्होंने आगे यह भी कहा कि “ध्यान रखें कि पांडवों ने 5 गांव मांगे थे, मगर दुर्योधन की जिद का नतीजा क्या हुआ?
बता दें कि- हिंदूवादी नेता जयभान सिंह पवैया राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे हैं, बावरी विध्वंस मामले में भी पवैया का नाम सामने आया था। पवैया अब ज्ञानवापी मामले को लेकर भी खुलकर सामने आ गए हैं। इसी को लेकर उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वह सद्भावना का रास्ता अपनाते हुए काशी और मथुरा पर सच्चाई का साथ दें। इसके साथ ही उन्होंने इशारे ही इशारे में मुस्लिम समाज को आगाह किया है।
वहीं जयभान सिंह पवैया के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा, सत्य को पवित्र माना गया है
लेकिन सत्य घोषित तो होने दीजिए। जिस कमेटी को आपने तय किया है, उसकी रिपोर्ट आने दीजिए। न्यायपालिका जो सत्य बताएगी वो स्वीकार होगा
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