गुवाहाटी। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे की सरकार सत्ता में आने के 31 महीने बाद ही धराशाई होने के कगार पर पहुंच गई है. उद्धव को सत्ता से हटाने में कोई और नहीं बल्कि शिवसेना के ही विधायक और ठाणे के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे जुटे हुए हैं. शिंदे ने अपने साथ 40 विधायकों के होने का दावा किया है. इस बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के कोरोना से संक्रमित होने पर अस्पताल में भर्ती होने की खबर आई है.
वैचारिक विरोधाभाष के बीच महाराष्ट्र में सत्ता में आई उद्धव ठाकरे की सरकार 31 महीने बाद भी स्थिरता हासिल नहीं कर पाई. शुरुआत से ही हिचकोले खा रही उद्धव सरकार अब तक का सबसे बड़ा संकट झेल रही है, जिसमें ठाणे के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे पार्टी को दो फाड़कर करने की कगार पर हैं. मंगलवार से अपने अभियान का आगाज करते हुए करीब 13 शिवसेना के विधायकों के साथ बाजपा शासित गुजरात के सूरत पहुंच गए. इसके अगले दिन यह समूह सूरत से दूसरे भाजपा शासित राज्य असम के गुवाहाटी पहुंच गया है.
विधायकों के साथ गुवाहाटी पहुंचे एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि उनके साथ 40 विधायक हैं, जिनमें से 33 शिवसेना के और सात विधायक निर्दलीय हैं. इस बीच शिंदे को मनाने में उद्धव पूरी तरह से जुटे हुए हैं. पहले एक नेता को बातचीत के लिए सूरत भेजा था. उसके बाद अब उद्धव की पत्नी रश्मि ठाकरे ने शिंदे से फोन पर बातचीत कर मनाने की कोशिश की है. हालांकि, शिंदे मान जाते हैं या नहीं यह चंद घंटों में पता चल जाएगा.
एनसीपी और कांग्रेस में भी हलचल
शिवसेना के बड़े धड़े के टूटने के आसार देखते हुए एनसीपी और कांग्रेस ने भी अपनी किलेबंदी शुरू कर दी है. एनसीपी नेता और महाराष्ट्र की राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार नई दिल्ली से मुंबई लौट गए हैं. वहीं उनकी बेटी और एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले ने भी अपने सारे कार्यक्रम रद्द कर विधायकों से संवाद में जुट गई हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को प्राइवेट जेट से मुंबई भेजा है, वे वहां जाकर कांग्रेस के विधायकों से संवाद करेंगे. आशंका हैं कि शिवसेना के टूटने के साथ एनसीपी और कांग्रेस से भी विधायक टूटेंगे.
कैसा है महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं, और बहुमत का आंकड़ा 144 है. भाजपा 106 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है. इसके बाद शिवसेना के 56 विधायक हैं, एनसीपी के 53 विधायक और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. इस तरह से महाविकास अघाड़ी में शामिल सभी पार्टियों के विधायकों की कुल संख्या 153 है. वहीं भाजपा और उन्हें समर्थन दे रही पार्टी के विधायकों की कुल संख्या अभी 113 है. इनमें भाजपा के 106, आरएसपी का एक, जेएसएस का एक और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
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