ठीक एक दिन पहले, शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की जयंती थी. इस अवसर पर शिवसेना (शिंदे) और शिवसेना (UBT) ने मुंबई में अलग-अलग कार्यक्रमों को आयोजित कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया. मुंबई में सत्ताधारी महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी (MVA) के दो घटक बाल ठाकरे की विरासत पर अपनी दावेदारी मजबूत करने में जुटे थे, मुंबई से दूर पुणे में भी दोनों गठबंधनों के नेताओं ने उसी दिन बैठक की. गुरुवार को पुणे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (SP) के अध्यक्ष शरद पवार(Sharad Pawar) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के अध्यक्ष अजित पवार(Ajit Pawar) की एक बैठक हुई.

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वसंत दादा सुगर इंस्टिट्यूट (वीएसआई) की वार्षिक जनरल मीटिंग के बाद हुई दोनों नेताओं की बैठक में विधायक दिलीप वाल्से पाटिल सहित कई नेता मौजूद थे. ये बैठक बंद दरवाजे पर हुई थी. एनसीपी (एसपी) और एनसीपी के प्रमुख की इस मुलाकात को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है, जबकि बीएमसी चुनाव करीब हैं और शिवसेना (शिंदे) के नेताओं ने बाल ठाकरे की जयंती पर महाराष्ट्र में सियासी भूचाल का दावा किया है.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक महाराष्ट्र सरकार के डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि सुगर इंडस्ट्री से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई थी, जो बंद दरवाजे पर हुई थी. कृषि, एक्साइज, सहकारिता और ऊर्जा मंत्रालयों के प्रतिनिधि भी इस बैठक में मौजूद थे, जो सुगर इंडस्ट्री से करीबी संबंध रखते हैं. एनसीपी (एसपी) विधायक रोहित पवार ने कहा कि दो कप्तानों को मिलकर बातचीत करने का स्वागत किया जाना चाहिए, जिस पर बीजेपी ने भी प्रतिक्रिया दी है.

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महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष और राज्य सरकार में मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि वे नहीं जानते कि चर्चा राजनीतिक थी या नहीं. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा था तो अजित दादा को महायुति में भी बात करनी चाहिए थी. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यह व्यक्तिगत बैठक पारिवारिक थी. इससे पहले, शरद पवार ने वीएसआई की जनरल मीटिंग को संबोधित करते हुए अजित पवार के सुझाव पर 10 हजार रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये करने का ऐलान किया.

यह दो साल पहले एनसीपी में हुई टूट के बाद पहली बार था कि दोनों चाचा-भतीजे एक साथ जनरल मीटिंग में पहुंचे, जहां शरद पवार अपने 18 मिनट लंबे भाषण के दौरान कई बार खांसते नजर आए.