भोपाल। मध्यप्रदेश में महाशिवरात्रि (Maha Shivratri) बड़ी धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। धामों में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। प्रदेश के कई जिलों में यात्राएं भी निकाली गई। नर्मदापुरम में उज्जैन महाकाल की दर्ज पर भगवान भोलेनाथ की शाही सवारी निकाली गई तो वहीं बुरहानपुर में भोलेनाथ पार्वती की भव्य बारात निकाली गई।
40 नावों की व्यवस्था
रेणु अग्रवाल, धार। जिले के धरमपुरी में नर्मदा के बीचो-बीच बेंट नामक टापू पर श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव विराजमान है। इस बार नर्मदा नदी में वाटर लेवल बना रहा, ऐसे में नर्मदा की छोटी धारा पर अस्थाई पुल नहीं बन पाया। महाशिवरात्रि पर भक्तों को श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव के दर्शन कराना प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ था। हालांकि जिला प्रशासन ने इस चुनौती को बड़े आसानी से स्वीकार किया और शिव भक्तों के दर्शन के लिए 40 नावों की व्यवस्था की गई। प्रशासन की दिन रात कड़ी मेहनत के बाद में शिव भक्तों ने नाव के माध्यम से बेंट संस्थान पहुंचकर शिवरात्रि पर श्री बिल्वामृतेश्वर महादेव के दर्शन किए। सभी तैयारियों का जायजा लेने के लिए कलेक्टर और एसपी भी धरमपुरी पहुंचे थे।
भोलेनाथ का फूलों से स्वागत
पीताम्बर जोशी, नर्मदापुरम। जिले में काले महादेव मंदिर समिति ने उज्जैन महाकाल की तर्ज पर भगवान भोलेनाथ की शाही सवारी निकाली। जिसमें 5 से 6 हजार भक्तों ने हिस्सा लिया। जबकि पालकी में भगवान चंद्रमौलेश्वर स्वरूप और हाथी पर मन महेश्वर स्वरूप में सजाकर भगवान को बिठाया गया। डीजे और बैंड की धुन पर श्रद्धालुओं ने जमकर डांस किया। भगवान की शाही सवारी गोल घाट स्थित प्राचीन काले महादेव मंदिर से शुरू हुई। नगर के मुख्य मार्गों से होती हुई वापस मंदिर पहुंची। हजारों की संख्या में युवा, महिला और पुरुष श्रद्धालु भगवान भोलेनाथ के गीतों पर जमकर थिरकते नजर आए। वहीं शहर में जगह-जगह भगवान भोलेनाथ का फूलों से स्वागत किया गया।
आस्था का सैलाब
दिनेश शर्मा, सागर। शहर के बहेरिया और भूतेश्वर क्षेत्र के शिव शक्ति धाम में आस्था का सैलाब नजर आया। करीब 1 किलोमीटर तक केवल भक्तों भीड़ नजर आयी, तो वहीं शिव शक्तिधाम में भगवान शिव की बारात भी आकर्षण का केंद्र रही। इस दौरान बाहर से आए कलाकारों ने शिव भजनों से समा बांधते हुए भक्तों को थिरकने पर मजबूर कर दिया। बारात के दौरान भगवान शिव की वेशभूषा में नृत्य भी आकर्षण का केंद्र रहा। इस बीच यातायात सहित अन्य व्यवस्थाओं को लेकर बहेरिया थाना प्रभारी और उनका स्टॉफ मुस्तैद नजर आया। वाहन पार्किंग से लेकर क्रमबद्ध तरीके से भक्तों को दर्शन कराने में पुलिस की सराहनीय भूमिका रही।
भोले बाबा की बारात
मोसीम तड़वी, बुरहानपुर। जिले में शिव भक्त मंडल की ओर से उद्योग नगर स्थित गणपति मंदिर से भोले बाबा की बारात निकाली गई। बारात में झांकियां आकर्षण का केंद्र रही, युवा भक्ति गीतों पर झूमते हुए नजर आए भोले बाबा की बारात शहर के मुख्य मार्गों से निकली। जगह जगह सामाजिक संगठनों ने पुष्प वर्षा कर बारात का स्वागत किया। भोले बाबा की बारात में भूत पिशाच और भगवान शिव आकर्षण का केंद्र रहा। बारात ताप्ती नदी के राजघाट पर पहुंची। यहां पर भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर आरती की गई। जिसके बाद बारात का समापन हुआ। 19 फरवरी को ताप्ती नदी के राजघाट से रुद्राक्ष का वितरण किया जाएगा। जिसे लेकर समिति ने सभी लोगों से इस कार्यक्रम में शामिल होने की अपील की है।
कुण्डेश्वर में महाशिवरात्रि
मुकेश सेन, टीकमगढ़। शहर से महज 6 किलोमीटर दूरी पर स्थित शिव धाम कुण्डेश्वर में धूमधाम से महाशिवरात्रि का पर्व मनाया गया। देर शाम भगवान शिव की बारात निकाली गई। बारात गांव के मुख्य मार्गों से गुजरती हुई जानकी मंदिर पहुंची। जहां हिन्दु रीति रिवाज के अनुसार शादी की रश्मे अदा की गई। ऐसी मान्यता है कि यह शिवलिंग प्रतिवर्ष एक चावल बढ़ता है। प्रारंभ में शिवलिंग का आकार छोटा था, लेकिन आज यह एक विशाल शिवलिंग है।
1938 में खुदाई के समय 7 जलाधरी टूटी हुई निकली थी। इससे शिवलिंग के मोटे होने की पुष्टि होती है। इस समय शिवलिंग जिस जलाधरी को धारण किये है। वह जलाधरी शिवलिंग की मोटाई के कारण बाहर नहीं निकाली जा सकती है। ऐसा कहा जाता है कि यहां रात्रि के समय अनेक सिद्व प्रकट होकर शिवजी की पूजा आराधना करते हें। अनेक बार लोगों को सिद्वों के दर्शन भी हुए हैं। आज भी प्रतिदिन शिवलिंग पर प्रातः पट खोलते ही जल चढ़ा हुआ मिलता है।
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