Mahashivratri 2024 : हिंदू धर्म के अनुसार भगवान शिव का पूजन विशेष रूप से फलदायी माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त पूरे श्रद्धा भाव से और पूरी निष्ठा से शिव पूजन करता है उसे अवश्य ही शुभ फलों की प्राप्ति होती है और सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। लेकिन शिव पूजन के लिए कुछ नियमों का पालन करना जरूरी बताया गया है और यह भी मान्यता है कि जो भी व्यक्ति शिव पूजन के दौरान इन नियमों का पालन नहीं करता है उसे शिव कृपा नहीं मिलती है और जीवन में दुखों का आगमन भी होता है। उन्हीं नियमों में से कुछ नियम हैं शिव पूजन के दौरान कुछ चीज़ों का उपयोग न करना। जी हां, घर की सुख समृद्धि के लिए शिव पूजन के दौरान यहां बताई गयी चीज़ों का इस्तेमाल भूलकर भी नहीं करना चाहिए। महाशिवरात्रि के मौके पर हम आपको बताते हैं कि क्या है वो चीजें जिसे शिवजी की पूजा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

तुलसी दल

भगवान शिव की पूजा के दौरान तुलसी की पत्तियों का सेवन वर्जित माना जाता है क्योंकि तुलसी को भगवान विष्णु की पत्नी के रूप में पूजा जाता है और उनकी विष्णु जी के साथ पूजा की जाती है। इसलिए मान्यता है कि विष्णु प्रिया तुलसी को शिव जी को अर्पित करना पाप स्वरूप माना जाता है क्योंकि शिव जी उनके ज्येष्ठ के समान हैं और तुलसी जी ने अपनी तपस्या से भगवान श्रीहरि को पति रूप में प्राप्त किया था।

लाल फूल

शिव पूजन में लाल रंग की किसी भी सामग्री का इस्तेमाल वर्जित होता है लेकिन मुख्य रूप से लाल फूल जैसे गुड़हल के फूल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शिव जी प्रसन्न होने के बजाय नाराज हो सकते हैं.

सिंदूर या कुमकुम

आमतौर पर ईश्वर की पूजा के दौरान लाल सिन्दूर या कुमकुम चढ़ाना शुभ माना जाता है। लेकिन जब भी शिव पूजन की बात आती है तब पूजा में सिंदूर या कुमकुम की जगह चन्दन का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि शिव जी वैरागी हैं और उन्हें लाल सिंदूर चढ़ाना उनका अपमान करने के समान है।

केतकी का फूल

मान्यतानुसार शिव जी के पूजन में सफ़ेद फूलों को चढ़ाना शुभ माना जाता है लेकिन भूलकर भी शिव पूजन में केतकी के फूलों का इस्तेमाल न करें। ऐसा करने से शिव जी की भक्ति का फल प्राप्त नहीं होता है क्योंकि एक पौराणिक कथा के अनुसार केतकी के फूल को शिव पूजन के लिए श्रापित माना गया था।

कटे-फटे हुए बेल पत्र

वैसे तो मान्यता है कि बेल पात्र शिव जी को मुख्य रूप से प्रिय है और इसे पूजा में चढ़ाने से शिव जी की भक्ति का फल प्राप्त होता है। लेकिन कभी भी शिव जी को कटे -फटे बेल पत्र नहीं चढाने चाहिए। इसके अलावा बेल पत्र हमेशा तीन पत्तियों वाले ही चढ़ाने चाहिए।

खंडित चावल

वैसे तो किसी भी पूजा के दौरान टूटे हुए चावल इस्तेमाल नहीं किये जाते हैं लेकिन ख़ासतौर पर शिव पूजन के दौरान टूटे हुए चावलों का इस्तेमाल न करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो शिव जी की पूजा का फल प्राप्त नहीं होगा।

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक