नई दिल्ली. दुनिया के सबसे अनूठे और बड़े आध्यात्मिक पर्व कुंभ में आज महाशिवरात्रि का अंतिम स्नान है. इसके साथ ही 49 दिनों तक चलने वाला मेला संपन्न हो जाएगा. फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है. दुनियाभर से श्रद्धालु पवित्र नगरी प्रयागराज पहुंच कर संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. महाशिवरात्रि का मुहूर्त रात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर लग रहा है इसीलिए श्रद्धालु तड़के सुबह से ही स्नान के लिए पहुंचने लगे थे.
भगवान शिव और माता पार्वती के इस पावन पर्व पर कुंभ में आए सभी भक्त संगम में डुबकी जरूर लगाते हैं. आस्था और विश्वास के महापर्व कुंभ की भव्यता, दिव्यता और यहाँ का अलौकिक दैविक वातावरण, सब कुछ मंत्रमुग्ध कर देने वाला है. महाशिवरात्रि आध्यात्मिक रूप से सबसे महत्वपूर्ण है. इस दिन प्रकृति इंसान को अपने आध्यात्मिक चरम पर पहुंचने के लिए प्रेरित करती है. गृहस्थ जीवन में रहने वाले लोग महाशिवरात्रि को शिव की विवाह वर्षगांठ के रूप में मनाते हैं.
कुंभ मेला प्रशासन के मुताबिक कुंभ के अंतिम स्नान पर करीब 60 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है. मेला डीआईजी केपी सिंह ने बताया कि महाशिवरात्रि पर मेला प्रशासन ने शिव मंदिरों में दर्शन की विशेष व्यवस्था की है क्योंकि इस दिन शिवलिंग का रुद्राभिषेक भी किया जाता है और इस बार खास संयोग बना है कि महाशिवरात्रि सोमवार को पड़ रही है. मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ औपचारिक तौर पर कुंभ मेले का समापन करेंगे. 15 जनवरी से शुरू हुए कुंभ में अब तक 22 करोड़ लोग स्नान कर चुके हैं.