निमेश तिवारी, बागबाहरा। आत्महत्या के मामले में छत्तीसगढ़ आज की तारीख में देश में चौथे स्थान पर खड़ा है, वहीं प्रदेश में महासमुन्द जिला इस मामले में पहले स्थान पर है. आत्महत्या की प्रवृत्ति पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन ‘नव जीवन’ अभियान चला रहा है, जिसका विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) भी सराहना कर रहा है.

महासमुन्द जिले में पिछले तीन सालों में कुल 692 आत्महत्या के प्रकरण दर्ज किये गये हैं, जिसमें पुरुषों की संख्या महिलाओं की अपेक्षा अधिक है. स्थिति को देखते हुए कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देशन पर जिले के 61 संकुल के माध्यम से 10 जून से ‘नवजीवन’ अभियान चलाया जा रहा है. आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं पर शोध कर रहे यूनिवर्सिटी ऑफ मेलबोर्न के शोधार्थी और विश्व स्वास्थ संगठन के प्रतिनिधि डॉ. ग्रेस आर्मस्ट्रांग ने सखी, सखा व नव जीवन प्रेरकों के माध्यम से चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना की.

लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में डॉ. ग्रेस ने जिला प्रशासन द्वारा चलाये जा रहे जीवन कौशल विकास और तनाव प्रबंधन के क्षेत्र में समाज के निचले तबके तक पहुंचकर चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की प्रशंसा की. उन्होंने इसे पूरे देश के लिये मॉडल के रूप में लिये जाने की बात कही. डॉ. ग्रेस ने जनपद कार्यालय में जाकर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एसपी वारे, नोडल अधिकारी संदीप ताम्रकार और मनोचिकित्सा सामाजिक कार्यकर्ता रामगोपाल खुंटे के साथ मितानिनों की मीटिंग लेकर अभियान की समीक्षा भी की.