हेमंत शर्मा, इंदौर। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव ने आरोप लगाया है कि देश के विभाजन के समय महात्मा गांधी और लार्ड माउंटबेटन बंगाल को पाकिस्तान को सौंपना चाहते थे। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की वजह से आज बंगाल भारत का हिस्सा है, नहीं तो यह पाकिस्तान का हिस्सा होता। डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की 120 वीं जयंती पर इंदौर में आयोजित एक कार्यक्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी शामिल हुए। इस दौरान वहां मौजूद लोगों को कैलाश विजयवर्गीय ने संबोधित किया।

उन्होंने कहा, “भारत विभाजन के दौरान तत्कालीन कांग्रेस का नेतृत्व कर रहे महात्मा गांधी और लार्ड माउंटबेटन के बीच में भारत के विभाजन का नक्शा बना। उस नक्शे में जो बंगाल अभी दिखाई देता है वो नहीं था। उसी समय श्यामा प्रसाद मुखर्जी का उदय हुआ, मैं कहूं एक क्रांतिकारी के रुप में उनकी पहचान है। उन्होंने बंग बचाओ आंदोलन किया और पूरे बंगाल को रौंद डाला, मजबूरी में लार्ड माउंटबेटन को झुकना पड़ा, गांधी को भी झुकना पड़ा। जो भारत के विभाजन का नक्शा बना था उस नक्शे को परिवर्तित करना पड़ा। जो बंगाल आज दिखाई दे रहा है और ये बंगाल जो दिखाई दे रहा है उसका श्रेय किसी को जाता है तो वह श्यामा प्रसाद मुखर्जी को जाता है। अन्यथा यह पाकिस्तान का हिस्सा होता, बंग्लादेश का हिस्सा होता, यह हमारे देश का हिस्सा नहीं था चला गया था।

नेहरु की वजह से जम्मू-कश्मीर की यह स्थिति

विजयवर्गीय ने पंडित जवाहरलाल नेहरु को कश्मीर की हालत के लिए जिम्मेदार बताया। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल सारी रियासतों को मिलाने का काम कर रहे थे जवाहरलाल नेहरु ने उन्हें कहा था कि जम्मू मेरे लिए छोड़ दीजिये। सरदार पटेल यदि निर्णय करते तो जम्मू कश्मीर की यह हालत नहीं होती। पंडित जवाहर लाल नेहरू के कारण ही जम्मू कश्मीर में यह स्थितियां पैदा हुई।

कांग्रेस कुर्सी के लिए न सोचे

मीडिया से बात करते हुए विजयवर्गीय ने धार 370 पर आ रहे बयानों पर उन्होंने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि भारत में 370 लगाने के पहले कांग्रेस जनमत किया था क्या? कांग्रेस हमें ना सिखाए ,खुद सीखे कि देश के लिए क्या जरूरी है। कुर्सी के लिए क्या जरूरी इसके बारे में ना सोचे।

बंगाल की प्रधानमंत्री समझती हैं

ममता बैनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि बंगाल में डेमोक्रेसी नहीं है। मुख्यमंत्री को प्रजातंत्र पर विश्वास नहीं है, भारत के संविधान पर विश्वास नहीं, वो समझती हैं कि जो बंगाल है उसकी मैं ही प्रधानमंत्री हूं, जो मैं कहूंगी वही कानून होगा। इसलिए सुप्रीम कोर्ट, मानव अधिकार आयोग का सब का तिरस्कार हो रहा है।

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