रायपुर। महावीर जयंती का पर्व महावीर स्वामी के जन्म दिन पर मनाया जाता है. यह जैन लोगों का सबसे प्रमुख पर्व है. महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे. इस बार यह तिथि 6 अप्रैल सोमवार को है. भगवान महावीर को वीर, वर्धमान, अतिवीर और सन्मति के नाम से भी जाना जाता है. इनके बचपन का नाम वर्धमान था.

कौन हैं भगवान महावीर ?

भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें एवं अंतिम तीर्थंकर थे. भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की 13वीं तिथि को बिहार में वैशाली के कुण्डलपुर में लिच्छिवी वंश में हुआ था. इसलिए जैन धर्म के अनुयायी इसी तिथ‍ि पर महावीर जयंती मनाते हैं.  उनके पिता महाराज सिद्धार्थ और माता महारानी त्रिशला थीं. उनके बचपन का नाम वर्धमान था.

कहा जाता है कि उनके जन्म ​के बाद राज्य का तेजी से विकास हुआ, इस वजह से उनका नाम वर्धमान पड़ा था. जैन धर्म के अनुयायियों का मत है कि भगवान महावीर ने 12 वर्षों तक कठोर तप किया और अपनी इंद्रियों को वश में कर लिया. जिससे उनका नाम जिन अर्थात विजेता भी पड़ा.

भगवान महावीर के पांच आधारभूत सिद्धांत

भगवान महावीर के तीन आधारभूत सिद्धांत हैं. इसमें सबसे पहले अहिंसा, दूसरा सत्‍य, तीसरा अनेकांत अस्‍तेय, चौथा ब्रह्मचर्य और पांचवा अपरिग्रह हैं. ये पांचों स‍िद्धांत लोगों को जीवन कैसे जीना है इसकी कला स‍िखाता है. यही नहीं यह आजकल की स्‍ट्रेसफुल लाइफ में भी इनका पालन करके सुख-शांति पाई जा सकती है. भगवान महावीर की अहिंसा केवल शारीरिक या बाहरी न होकर, मानसिक और आंतरिक जीवन से भी जुड़ी है.