संदीप अखिल, रायपुर। रायपुर की व्यावसायिक दुनिया में एक ऐसा नाम जो न केवल व्यापारिक सफलता का प्रतीक है, बल्कि समाजसेवा का भी पर्याय बन चुका है — एम. एम. धाड़ीवाल ग्रुप के चेयरमैन महेंद्र धाड़ीवाल। न्यूज़ 24 MPCG और लल्लूराम डॉट कॉम के सलाहकार संपादक संदीप अखिल से हुई बातचीत में उन्होंने अपने जीवन के प्रेरणादायी अनुभव साझा किए, जिन्होंने यह स्पष्ट किया कि यदि संकल्प सच्चा हो तो व्यापार और सेवा, दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ा जा सकता है।

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रायपुर की मिट्टी से जन्मा एक कर्मयोगी

26 मार्च 1953 को रायपुर में महेंद्र धाड़ीवाल का जन्म हुआ। उनके पिता स्वर्गीय श्री मोतीलाल जी धाड़ीवाल स्वयं एक प्रतिष्ठित व्यापारी थे। महेंद्र धाड़ीवाल ने साक्षात्कार के दौरान बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा रायपुर से प्राप्त की और यहीं से बी.कॉम की डिग्री हासिल की। बचपन से ही उन्होंने व्यवसायिक सोच और सामाजिक जिम्मेदारी को अपने जीवन का हिस्सा बना लिया।

13 वर्ष की उम्र में व्यापार की शुरुआत

जहां अधिकांश बच्चे 13 वर्ष की उम्र में खेलकूद और पढ़ाई में व्यस्त होते हैं, वहीं महेंद्र धाड़ीवाल ने इतनी कम उम्र में ही अपने पिता के मार्गदर्शन में वस्त्र (टेक्सटाइल) व्यापार की शुरुआत की। उस समय रायपुर में व्यापारिक ढांचा बहुत सीमित था, लेकिन उन्होंने अपने दूरदर्शी दृष्टिकोण से रेमंड्स, बॉम्बे डाईंग, खाटाऊ, सेंचुरी और अरविंद जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित किए। उनके इस प्रयास से रायपुर का कपड़ा बाज़ार प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश में भी पहचान बनाने लगा।

1988 में व्यावसायिक सहकारी बैंक की स्थापना

महेंद्र धाड़ीवाल ने महसूस किया कि छोटे व्यापारियों और आम नागरिकों को बैंकिंग सहायता की अत्यधिक आवश्यकता है। इसी सोच के साथ उन्होंने 1988 में व्यावसायिक सहकारी बैंक की स्थापना की। आज इस बैंक की रायपुर में 6 शाखाएँ संचालित हैं और हजारों व्यापारियों को यह बैंक वित्तीय रूप से सशक्त बना रहा है।

मॉडर्न मेडिकल इंस्टीट्यूट – सेवा का नया अध्याय

केवल 36 वर्ष की आयु में उन्होंने यह समझ लिया था कि रायपुर और आसपास के इलाकों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं की कमी है। इस आवश्यकता को देखते हुए उन्होंने 23 नवंबर 1995 को मॉडर्न मेडिकल इंस्टीट्यूट की नींव रखी। यह संस्थान आज प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों में गिना जाता है और लाखों लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान कर चुका है।

कपड़ा उद्योग को संगठित स्वरूप देते हुए बना महालक्ष्मी क्लॉथ मार्केट

वर्ष 1990 में महेंद्र धाड़ीवाल ने महालक्ष्मी क्लॉथ मार्केट की स्थापना में अहम भूमिका निभाई। इससे रायपुर का कपड़ा व्यापार संगठित हुआ और कारोबारियों को बेहतर व्यापारिक वातावरण मिला। आज यह मार्केट रायपुर के आर्थिक विकास का अहम केंद्र माना जाता है।

जैनम मानस भवन – सेवा और सौहार्द का प्रतीक

सामाजिक और धार्मिक आयोजनों के लिए उन्होंने 2018 में ‘जैनाम मानस भवन’ की स्थापना कराई। यह भवन जैन समाज के साथ-साथ सभी समुदायों के लिए खुला है। विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के दौरान इस भवन को अस्थायी अस्पताल में परिवर्तित किया गया, जिससे हजारों लोगों को जीवनदान मिला।

समाजसेवा में निरंतर योगदान

महेंद्र धाड़ीवाल का व्यक्तित्व केवल एक सफल व्यवसायी तक सीमित नहीं है। उन्होंने अनेक गरीब परिवारों की आर्थिक, शैक्षणिक और स्वास्थ्य संबंधी सहायता की है। वे कई जैन संगठनों और सामाजिक संस्थाओं से जुड़े रहे हैं और समाज कल्याण के अनेक अभियानों में सक्रिय भूमिका निभाते हैं। उनका मानना है कि किसी भी व्यक्ति की सफलता तभी सार्थक है जब उसका लाभ समाज को मिले।

जीवन दर्शन – “व्यवसाय सेवा का माध्यम बने”

आज 72 वर्ष की आयु में भी महेंद्र धाड़ीवाल पूरे उत्साह के साथ सक्रिय हैं। वे कहते हैं —“जीवन का उद्देश्य केवल कमाना नहीं, बल्कि जितने अधिक लोगों के जीवन में बदलाव लाया जा सके, वही सच्ची सफलता है।”

उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि ईमानदारी, परिश्रम और सेवा भावना से न केवल व्यवसाय में उन्नति की जा सकती है, बल्कि समाज के विकास में भी योगदान दिया जा सकता है।

महेंद्र धाड़ीवाल का जीवन इस बात का जीवंत उदाहरण है कि सफलता का असली मूल्य दूसरों के जीवन को बेहतर बनाने में है। व्यापार, सेवा और मानवता के इस अद्भुत संगम ने उन्हें रायपुर ही नहीं, बल्कि समूचे प्रदेश के लिए प्रेरणास्रोत बना दिया है। वे न केवल एक सफल उद्यमी हैं, बल्कि एक ऐसे समाजसेवी नेता भी हैं जिनका हर कदम जनसेवा को समर्पित है।