
रायपुर। प्रदेश की सामाजिक संस्था नवसृजन मंच ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाली 61 महिलाओं को गुरूवार को महतारी सम्मान से सम्मानित किया। साथ ही 12 ऐसे स्वसहायता समूह जो अपने महिला समूह के माध्यम से निरंतर कार्य करती आ रही जिनका योगदान उत्कृष्ट माना गया, उन्हें भी महतारी गौरव सम्मान देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र पर माल्यार्पण कर द्वीप जलाकर और राजगीत अरपा पैरी के धार गीत के साथ हुआ।
नवसृजन मंच के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज देश-प्रदेश की 61 महिलाओं को मंच की ओर से उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए सम्मानित किया जा रहा है। मंच के सदस्य और छत्तीसगढ़ की मातृशक्तियों के लिए यह गौरव का क्षण है जब छत्तीसगढ़ की माताओं का सामाजिक सेवाओं के लिए सम्मान हो रहा है। आज मंच से हमारी बहनों ने जो संघर्ष की दास्तां बयां की है, वह उनकी असल जिंदगी की कहानी है जो हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। ऐसे आयोजन से अलग-अलग क्षेत्रों में कार्य करने वालों को प्रेरणा मिलती है। मंच की ओर से आगामी 2 अप्रेल को बिटिया जन्मोत्सव का आयोजन किया जाना है, जिसमें बेटियों को छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ मिले, यह सुनिश्चित किया जाएगा।

कार्यक्रम में रायपुर नगर निगम की नवनिर्वाचित महापौर मीनल चौबे ने मंच से सभी को नमस्कार करते हुए कहा कि महिलाएं हमेशा दोहरे दायित्व का निर्वहन करती है। महिलाओं के सम्मान का कोई दिन नहीं होना चाहिए उनका हर दिन सम्मान होना चाहिए। प्रत्येक महिला में एक अलग गुण होता है उसे पहचान कर उन्हें आगे बढ़ना चाहिए। आप सभी अपना आत्मविश्वास बनाए रखिए, एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी। भविष्य में क्या होगा इसकी चिंता हमें नहीं करना है हमें केवल इमानदारी से अपना काम करते रहना है। चुनौतियां होगी लेकिन कभी चिंतित मत होना, मंजिल तक आप जरूर पहुंचेंगे।
मंच पर मुख्य अतिथि के रूप में रायपुर नगर निगम की महापौर मीनल चौबे, नवसृजन मंच के अध्यक्ष अमरजीत सिंह छाबड़ा, किशोर महानंद, डीपीओ शैल ठाकुर, मनीषा सिंह, डॉ. रश्मि चावरे, डॉ. तृष्णा साहू, विनय शर्मा, नरेश नामदेव सहित प्रमुख पदाधिकारीगण मौजूद रहे। मंच का संचालन डॉ. प्रीति सतपथी और देवाशीष मुखर्जी ने किया।

पढ़िए मातृशक्तियों की स्टोरी, जो हैं हमारे प्रेरणास्रोत –
मंजूलता राठौड़ पुलिस विभाग में 25 वर्षों से सेवा में है। वर्तमान में राठौड़ महिला थाना की प्रभारी हैं। उन्होंने काउंसिलिंग के माध्यम से सैंकड़ों परिवार को टूटने से बचाया है। साथ ही उन्होंने महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में, उनको कानून के प्रति जागरूक कर सोशल मीडिया से संबंधित अपराधों की जानकारी देकर उन्हें सतर्क रहने के लिए एक चेतना जागृत करने का काम किया है। पुलिस सेवा में रहकर राठौड़ लगातार महिलाओं को अपराधों के प्रति जागरूक कर रही हैं।
सोनल शर्मा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण परिवेश में पली बढ़ी। उनकी कला में बचपन से रुचि थी इसलिए उन्होंने कला को अपने करियर के रूप में बनाने का निर्णय लिया। उन्हें खैरागढ़ से फाइन आर्ट्स किया, साथ ही भारत के अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय शांतिनिकेतन से उन्होंने पोस्ट ग्रैजुएशन किया हैं। छत्तीसगढ़ के गोदना में उन्होंने विशेष कार्य किया है। उन्होंने आदिवासी महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें धागे से ज्वेलरी बनाने का प्रशिक्षण दिया। साथ ही उन्होंने सूरजकुंड में हुए कला महोत्सव में हिस्सा लिया। उनकी समय समय पर प्रदर्शनी लगती है। सरकारी स्कूलों और वरिष्ठ साहित्यकारों की किताबों में उनकी कला को देखा जा सकता है।
गायत्री साहू को विधि के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया। साहू पिछले 10 साल से विधिक सेवा के क्षेत्र में कार्य कर रही है। उन्होंने लोक अदालत में आने वाली और ग्रामीण-शहरी क्षेत्र की महिलाओं को निशुल्क रूप से कानून के प्रति जागरूक करने का काम किया है। महिलाओं को पारिवारिक हिंसा से बचाव और उसके दुष्प्रभाव से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करते हुए उन्होंने रायपुर जिला न्यायालय में अपनी प्रैक्टिस जारी रखी है। वर्तमान में साहू जिला अधिवक्ता संघ की महिला सचिव एवं विधिक सहायता की सदस्य हैं।
डॉ. श्रद्धा वर्मा को शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने के लिए सम्मानित किया गया है। वर्तमान में वर्मा कलिंगा विश्वविद्यालय में 3 वर्षों से डीन के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से नेट की परीक्षा पास की, एचआर में एमबीए किया और कुछ कॉलेज में प्रिंसिपल के रूप में अपनी सेवाएं दे चुकी है। उनके मार्गदर्शन में अब तक 600 से ज्यादा छात्र पीएचडी स्कॉलर के रूप में अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके हैं। उनके कई छात्र केंद्र तथा छत्तीसगढ़ शासन के उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वर्मा बताती है कि उनके पति और उनकी बेटी के सहयोग से आज संघर्षों का सफर कर वे इस मुकाम पर पहुंची हैं।
देव्यानी शर्मा इंटिरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में वर्ष 2011 से कार्य कर रही हैं। अब तक उन्होंने 80 से ज्यादा प्रोजेक्ट्स पर काम किया है। उल्लेखनीय है कि उनके द्वारा बनाया गया विधानसभा भवन का मिनिएचर दिल्ली के संसद भवन में रखा गया है। उन्होंने बताया कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान विश्व शांति की थीम पर आयोजित राष्ट्रीय पोस्टर प्रतियोगिता में उन्हें दूसरा स्थान प्राप्त हुआ था। वर्तमान में विभिन्न कॉलेज में गेस्ट लेक्चरर के रूप में बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
इन मातृशक्तियों का हुआ सम्मान
शिक्षा- डॉ. श्रद्धा वर्मा, श्रीमती तपस्विनी प्रधान, नीतू सिन्हा प्राचार्य, श्रीमती संगीता होता, डॉ. प्रीति बिसेन, अर्चना साहू, वर्षा शर्मा, डॉ. शिल्पा कुलकर्णी, सुमन वर्मा, कल्याणी सतीश बंटे
विधि- अधिवक्ता गायत्री साहू, अधिवक्ता शारदा सोनी, श्रीमती मीना तिवारी
साहित्य- डॉ. ज्योति मिश्रा
चिकित्सा- डॉ. अरुणिमा वर्मा, डॉ. प्रीति केशवानी, डॉ. ओमियंका अवधिया, डॉ. नेहा गोयल
पत्रकारिता- श्रीमती सुप्रिया पांडे, श्रीमती तनु वर्मा, अर्चना जैन
इंटीरियर डेकोरेशन- देवयानी शर्मा
आध्यात्म- किरण साहू
खेल- किरण गोलहानी, श्रीमती रजनी सिंह, अंजू साहू, यशोदा धुर्वे, मधु यादव
कला- सोनल शर्मा, सोनाली चक्रवर्ती, विनय अग्रवाल, निशा सिंह, सोनल राजेश शर्मा, अनामिका
समाजसेवा- डॉ. महिमा सिंह ठाकुर, नीलिमा यादव, सीमा काटनकर, आरती दुबे, सुनीता पाठक, गौरी हलधर, लितीका महानंद, एम वाणीश्री
सौंदर्य- के उमा सोनगड़े (ब्यूटीशियन), रतनजीत कौर
फैशन- अदिति गुमास्ता,
यू ट्यूबर- प्रीति साहू, किरण साहू
शोध- भूमिका डांगे विशाखा,
व्यवसाय- अरुणा यादव, जागृति वर्मा
मनोविज्ञान- डॉ. किरणबाला पटेल, अर्चना पांडे
राजनीति- पार्षद कृतिका जैन, प्रीति स्वर्णकार
पुलिस- मंजुलता राठौर निरीक्षक, ज्योति सिंह उपनिरीक्षक
मास्टरशेफ- प्रतिभा शर्मा
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