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रायपुर. महतारी वंदन योजना छत्तीसगढ़ प्रदेश की महत्वाकांक्षी योजना है. इस योजना में फर्जीवाड़ा सामने आने पर सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है. सनी लियाेन के नाम पर योजना का लाभ लेने वाले वीरेंद्र जोशी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस प्रकरण पर गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी को बर्खास्त किया गया है. पर्यवेक्षक प्रभा नेताम एवं परियोजना अधिकारी ज्योति मथरानी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. वहीं तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है.
वास्तव में सन्नी लिओनी के बैंक खाते में महतारी वंदन की राशि का भुगतान नहीं हुआ है अपितु यह वीरेन्द्र कुमार जोशी नाम के एक व्यक्ति ने स्थानीय स्तर पर मिलीभगत कर सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन किया. आधार एवं अन्य जानकारी अपनी डालते हुए शासकीय राशि अवैधानिक रूप से प्राप्त करने के उद्देश्य से हरकत की है.
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बस्तर जिले के बस्तर विकासखंड के आंगनवाड़ी केन्द्र तालूर में वीरेन्द्र कुमार जोशी ने फर्जीवाड़ा करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्र तालूर के कार्यकर्ता के माध्यम से सन्नी लिओनी के नाम से आवेदन किया है. इस आवेदन में अन्य जानकारी के रूप में अपना आधार नंबर और अपने बैंक खाते की जानकारी डाली गई है. प्रत्येक आवेदन के परीक्षण एवं सत्यापन का दायित्व ग्राम स्तर पर बनाई गई समिति, जिसमें ग्राम प्रभारी/वार्ड प्रभारी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किया जाना था. इसके उपरांत पोर्टल में अंकित दस्तावेजों का परीक्षण प्रथम सत्यापन में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और द्वितीय सत्यापन पर्यवेक्षक द्वारा किया जाना था. फिर परियोजना अधिकारी द्वारा अनुमोदित किया जाना था.
इस मामले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी, जो की वीरेन्द्र कुमार जोशी की पड़ोसी है, ने बिना तथ्यों की जांच परख किए ऑनलाइन पोर्टल पर वीरेन्द्र कुमार जोशी द्वारा सन्नी लिओनी के नाम से किए गए आवेदन को सत्यापित कर दिया. इसी प्रकार पर्यवेक्षक ने भी बिना परीक्षण किए इस आवेदन का सत्यापन कर दिया, जिसके कारण इस फर्जी नाम वाले हितग्राही को उनके द्वारा दिए गए आधार नबंर से लिंक स्टेट बैंक के खाते में डीबीटी के रूप में राशि का भुगतान हुआ है.
इस प्रकरण पर गंभीर लापरवाही के लिए संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता वेदमति जोशी को बर्खास्त करने की कार्रवाई की गई है. पर्यवेक्षक प्रभा नेताम एवं परियोजना अधिकारी ज्योति मथरानी को निलंबित करने की कार्रवाई की गई है. तत्कालीन जिला कार्यक्रम अधिकारी को भी स्पष्टीकरण जारी किया गया है. साथ ही वीरेन्द्र कुमार जोशी के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया गया है. उनके बैंक खाते को सीज कर भुगतान की गई राशि की वसूली की कार्रवाई की जा रही है.
सरकार की मंशा है कि पात्रता रखने वाली महतारियों को योजना का लाभ मिल सके, अतः सभी आवेदन करने वाले पात्र हितग्राहियों को योजना में शामिल किया गया है. योजना को लागू किए जाने के लिए विस्तृत प्रावधान किए गए हैं, जिसमें योजना अंतर्गत आवेदन पत्र प्राप्त करने ऑनलाइन साफ्टवेयर विकसित करते हुए प्रत्येक मैदानी अमलों को पृथक-पृथक आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया था. इसी क्रम में संबंधित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को भी आईडी/पासवर्ड प्रदान किया गया. योजना अंतर्गत हितग्राहियों से निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्राप्त किए जाने के उपरांत आवेदन पत्रों का इन्द्राज आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी द्वारा ऑनलाइन पोर्टल में किया जाकर संलग्न दस्तावेजों का परीक्षण करते हुए दस्तावेज अपलोड किया गया.
साफ्टवेयर में दर्ज आवेदनों का प्रथम स्तर पर ग्राम समिति के माध्यम से सत्यापन और उसके उपरांत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा किए जाने का प्रावधान रखा गया है. फिर द्वितीय सत्यापन किए जाने का दायित्व संबंधित सेक्टर पर्यवेक्षक का निर्धारित किया गया था, ताकि दो स्तर पर सत्यापन हो सके. सत्यापन उपरांत वार्ड/पंचायत स्तर पर गठित समिति द्वारा अनंतिम सूची का प्रकाशन कर आंगनवाड़ी केन्द्र, ग्राम पंचायत आदि सार्वजनिक जगह पर यह सूची चस्पा की गई है. ग्रामीणों को यह अवसर दिया गया कि वे इस सूची में परीक्षण कर गलत आवेदन करने वाले के विरूद्ध दावा आपत्ति कर सके.
प्राप्त दावा आपत्ति के निराकरण के लिए बाल विकास परियोजना स्तर पर गठित समिति द्वारा निराकरण का प्रावधान रखा गया है एवं दावा आपत्ति प्राप्त किया जाकर लगभग 12000 से अधिक गलत आवेदनों को निरस्त किया गया. दावा आपत्ति का निराकरण उपरांत अंतिम सूची का प्रकाशन किया जाकर प्रकाशित किया गया. उपरोक्त प्रक्रियाओं के निर्धारण के उपरांत भी ऐसे फर्जी आवेदन प्राप्त न हो इस दृष्टि से लगातार इनके सत्यापन की कार्यवाही हेतु मैदानी अमलों को दिशा निर्देश दिए गए एवं लगभग 15 हजार गलत आवेदनों को चिन्हांकन करते हुए निरस्त किया गया.
50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत
अंतिम सूची में 70,26,352 आवेदकों का भी राज्य स्तर से विभिन्न उपलब्ध डाटा से वेरीफाई किया गया है एवं आधार का सत्यापन कराया गया है. अतः 50 प्रतिशत आवेदक फर्जी होने का कथन पूरी तरह गलत है. विभाग द्वारा समय-समय पर मैदानी स्तर पर सत्यापन, सॉफ्टवेयर के माध्यम से भी खोजकर 15000 से अधिक गलत हितग्राहियों का चिन्हांकन कर, उन्हें लाभ सूची से बाहर कर दिया गया है. लाभांवित होने वाले हितग्राहियों की सूची प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र के आईडी पर परिलक्षित है. महतारी वंदन योजना से प्रदेश की महतारियों को बेहद लाभ प्राप्त हुआ है, जैसे महतारियों द्वारा इस राशि का उपयोग बच्चों एवं स्वयं के स्वास्थ्य पोषण पर व्यय, बचत करने तथा सुकन्या समृद्धि के खाते खोलकर बेटियो के नाम से जमा करने, बच्चों की शिक्षा पर, अपनी दिन प्रतिदिन की आवश्यकताओं की पूर्ति पर एवं अपना स्वयं का व्यवसाय प्रारंभ करने जैसे महिला सशक्तिकरण के अनेक उदाहरण है.
मृत्यु होने पर 21 हजार से अधिक हितग्राहियों का नाम हटाया गया
महतारी वंदन योजना को लागू करते समय सुरक्षा के पर्याप्त उपाय किए गए हैं. प्रक्रिया के आवेदन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम/वार्ड प्रभारी के स्तर पर प्राप्त करते हुए सारे दस्तावेज के साथ आवेदन ऑनलाइन पोर्टल पर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्राम प्रभारी द्वारा भरा गया है. आवेदकों ने स्वतः ऑनलाइन आवेदन का भी प्रावधान रखा था. विभाग द्वारा लगातार प्रत्येक स्तर पर हितग्राहियों के सत्यता की जानकारी ली जा रही है. समय-समय पर निर्देश जारी किए गए हैं. इसी के परिणाम स्वरूप मृत हितग्राहियों की जानकारी भी लेकर उन्हें लाभ सूची से हटाया जा रहा है. अद्यतन स्थिति में 21 हजार से अधिक हितग्राहियों को मृत्यु हो जाने के कारण लाभ सूची से हटाया गया है. इस प्रकार विभाग द्वारा लगातार योजना को लागू किए जाने के लिए तत्परता से कार्यवाही जा रही है.
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