गुवाहाटी। प्रॉक्सी कैंडिडेट के जरिए नील नक्षत्र दास के जेईई मेन्स की परीक्षा टॉप करने के मामले में मुख्य आरोपी भार्गव डेका को दिल्ली से लौटते ही एयरपोर्ट पर असम पुलिस ने गिरफ्तार किया है. कोचिंग सेंटर ग्लोबल एडुलाइट संचालित करने वाले भार्गव डेका पिछले महीने पुलिस में मामला दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था.
40 वर्षीय भार्गव डेका ही वह शख्स है, जिसने नील नक्षत्र दास के लिए प्रॉक्सी कैंडिडेट को उपलब्ध कराया था. परीक्षा में नील ने 99.8 प्रतिशतांक हासिल किया था. डेका के साथ मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या सात पहुंच गई है. पुलिस पहले ही नील नक्षत्र दास के साथ उसके गुवाहाडी के एक बड़े अस्पताल में सर्जन पिता डॉ. ज्योतिर्मय दास और परीक्षा आयोजित करने वाली कंपनी टीसीएस के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार कर चुकी है. इसके अलावा डेका के कोचिंग सेंटर की एक महिला कर्मचारी को भी गिरफ्तार किया गया है.
यह मामला तब सामने आया, जब मित्रदेव शर्मा ने 23 अक्टूबर को गुवाहाटी के आजरा पुलिस स्टेशन में 5 सितंबर को आयोजित जेईई मेन्स परीक्षा में नील के गलत तरीका इस्तेमाल करने को लेकर एफआईआर दर्ज कराया था. दरअसल, रिपोर्ट के पहले एक फोन कॉल के लीक हुआ था, जिसमें अभ्यर्थी किसी को बताया कि वह परीक्षा में शामिल नहीं हुआ था, उसके स्थान पर किसी दूसरे ने पेपर हल किया था.
पुलिस के प्रारंभिक जांच में पता चला कि नील बोरझर स्थित परीक्षा केंद्र में बॉयोमेट्रिक सिस्टम में अपनी उपस्थित दर्ज कराने के बाद चला गया था, इसके बाद डेका द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रॉक्सी कैंडिडेट ने नील की जगह परीक्षा दी. एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि नील के पिता ने करीबन 15-20 लाख रुपए मामले में अन्य आरोपियों को दिए हैं.
जांच में स्पष्ट हुआ कि नील मानविकी में आगे की पढ़ाई करना चाहता था, लेकिन उसके डॉक्टर माता-पिता चाहते थे कि वह इंजीनियर बने, जिसके लिए उन्होंने प्रॉक्सी कैंडिडेट मुहैया कराने के लिए पैसे दिए थे. मामले में पुलिस प्रॉक्सी कैंडिडेट की तलाश में जुटी है. डेका से पूछताछ के बाद और भी बहुत से खुलासे होने की उम्मीद है.