पटना। बिहार की सियासत में इस बार एक नया और सुरमयी मोड़ देखने को मिल सकता है। देशभर में अपनी सुरीली आवाज़ और लोकगीतों से पहचान बना चुकीं मशहूर गायिका मैथिली ठाकुर अब राजनीति की पिच पर कदम रखने की तैयारी में हैं। सूत्रों के मुताबिक, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उन्हें आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में अलीनगर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बना सकती है। हालांकि फिलहाल पार्टी की ओर से इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

मधुबनी की बेटी और देश की आवाज

मैथिली ठाकुर का जन्म 25 जुलाई 2000 को मधुबनी जिले के बेनीपट्टी गांव में हुआ था। उन्होंने पारंपरिक मैथिली लोकसंगीत और भारतीय शास्त्रीय गायन में अपनी खास पहचान बनाई है। उनकी प्रतिभा और लोकप्रियता को देखते हुए भारत निर्वाचन आयोग ने उन्हें बिहार का स्टेट आइकन भी घोषित किया था। इसके अलावा वे मधुबनी जिले की ब्रांड एंबेसडर और खादी ग्रामोद्योग के प्रचार की ब्रांड एंबेसडर भी रह चुकी हैं। सोशल मीडिया पर उनकी मजबूत उपस्थिति उन्हें खासकर युवा वर्ग के बीच प्रभावशाली बनाती है।

राजनीति में ‘संगीत’ का दांव

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा का यह कदम पूरी तरह से रणनीतिक हो सकता है। अलीनगर सीट पर पिछली दो बार भाजपा ने जीत दर्ज की है लेकिन मौजूदा विधायक मिश्री लाल यादव के खिलाफ जनता के असंतोष और पार्टी के भीतर नाराजगी को देखते हुए भाजपा नए चेहरे की तलाश में है। ऐसे में मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता स्वच्छ छवि और युवाओं के बीच अपील पार्टी को बड़ा फायदा दिला सकती है।

राजनीतिक संकेत और मुलाकातें

हाल ही में मैथिली ठाकुर ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय और भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े से मुलाकात की थी। तावड़े ने उन्हें सोशल मीडिया पर बिहार की बिटिया बताते हुए शुभकामनाएं दीं जिसके बाद से अटकलें तेज हो गई हैं कि भाजपा उन्हें आगामी चुनाव में मैदान में उतार सकती है।

क्या होगा अगला कदम?

अब जब बिहार में चुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं यह देखना दिलचस्प होगा कि मैथिली ठाकुर वाकई राजनीतिक पारी की शुरुआत करती हैं या ये सब सिर्फ चर्चाओं तक ही सीमित रहता है। यदि वे भाजपा के टिकट पर अलीनगर से चुनाव लड़ती हैं तो यह न केवल पार्टी की छवि को एक नया चेहरा देगा, बल्कि संगीत प्रेमियों और युवाओं का बड़ा समर्थन भी भाजपा के पक्ष में जा सकता है।