हरिश्चंद्र शर्मा, ओंकारेश्वर। खंडला जिले के ओंकारेश्वर से करीब 20 किलोमीटर दूर खंडवा जिले के निमाड़खेड़ी रेलवे स्टेशन के पास शुक्रवार सुबह एक बड़ा हादसा (narrowly) टल गया। झारखंड के गिरीडीह से एनटीपीसी बेड़िया सेल्दा सुपर पावर प्लांट के लिए जा रही कोयला लदी मालगाड़ी की वेगन क्रमांक 250703-60670 से अचानक धुआं उठने लगा। यह धुआं स्टेशन मास्टर की नजर में आया, जिसके बाद तुरंत स्थिति पर नियंत्रण के लिए कदम उठाए गए।

प्रेशर वाटर कैनन की मदद

स्टेशन मास्टर ने ट्रेन को प्लेटफॉर्म पर न रोकते हुए लगभग 1 किलोमीटर दूर आउटर पर रुकवाया, जहां रेल और सड़क मार्ग की दूरी मात्र 50 फीट थी। इससे फायर ब्रिगेड के वाहनों को घटनास्थल तक पहुँचने में आसानी हुई। सूचना मिलते ही रेलवे कर्मचारी, आरपीएफ जवान और टीआरडी टीम मौके पर पहुंची। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रेलवे ट्रैक की विद्युत आपूर्ति तुरंत बंद करवाई। इसके बाद सनावद, बड़वाह और पुनासा से बुलाए गए 3 दमकल वाहनों ने हाई-प्रेशर वाटर कैनन की मदद से धधकते कोयले को ठंडा करने का अभियान शुरू किया।

आग को बुझाने में लगभग 3 घंटे का समय लगा

घने कोयले के भीतर लगी आग को बुझाने में लगभग 3 घंटे का समय लगा, और तीनों फायर ब्रिगेड वाहनों का पानी इस्तेमाल किया गया। लगातार प्रयासों के बाद वेगन से निकल रहा धुआं पूरी तरह बंद हुआ। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, स्टेशन मास्टर की त्वरित सूझबूझ और सतर्कता के कारण एक बड़ा रेल हादसा टल गया और पूरी कोयला रैक को सुरक्षित आगे भेजने में सफलता मिली। मौके पर मौजूद टीमों ने राहत की सांस ली कि आग समय रहते नियंत्रित कर ली गई, अन्यथा यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी। यह घटना रेलवे सुरक्षा प्रबंधन की तत्परता और टीमवर्क का उदाहरण पेश करती है।

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