वीरेंद्र गहवई, बिलासपुर। रेल मंत्रालय, भारत सरकार ने बिलासपुर के मंडल रेल प्रबंधक राजमल खोईवाल का तबादला किया है। अब उमेश कुमार बिलासपुर के नए डीआरएम होंगे। हाल ही में बिलासपुर रेल हादसे के बाद इसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के एक बड़े अधिकारी पर भी जल्द गाज गिर सकती है।

बता दें कि एक माह पहले चार नवंबर को कोरबा-बिलासपुर लोकल मेमू अप लाइन पर खड़ी कोयला लोड मालगाड़ी से टकराई थी। इस हादसे में 12 यात्रियों की मौत हुई थी और 20 से अधिक यात्री घायल हुए थे। इस हादसे के कारण रेलवे को भी करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।


मामले की जांच करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन दक्षिण पूर्व सर्किल – कोलकाता के रेल सुरक्षा आयुक्त बीके मिश्रा ने रेल हादसे की जांच की। उन्होंने घटना स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण करते हुए तीन दिन तक इलेट्रिकल ओपी, इलेक्ट्रकल, एसएंडटी, मैकेनिकल, सीएंडडब्लू सहित अन्य विभाग के अफसरों व कर्मचारियों से पूछताछ की थी। सीआरएस ने प्रारंभिक रिपोर्ट में रेल हादसे का बड़ा कारण अप्रशिक्षित चालक को बताया है।
रेल प्रशासन की गलती के कारण हुआ हादसा Bilaspur Train Accident
हादसे के 20 दिन बाद सीआरएस मिश्रा ने मामले की मुख्य अभियुक्त मेमू की असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज से केन्द्रीय रेलवे हॉस्पिटल में जाकर घटना के संबंध में दो घंटे तक चर्चा की थी। सोमवार की रात रेल सुरक्षा आयुक्त मिश्रा ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट एसईसीआर जोन मुख्यालय और डिवीजन को भेज दी है। इस रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि लोकल ट्रेन के हादसे की पूरी गलती रेल प्रशासन की है। विभाग ने चालक को साइको टेस्ट में पास नहीं होने के बाद भी यात्री ट्रेन को चलाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। अगर यात्री ट्रेन की कमान किसी को देना था तो उसे सायकोलोजिकल टेस्ट पास चालक को दिया जाना था। रेल प्रशासन की गलती के कारण यह हादसा हुआ है, जिसे सुधार करने की आवश्यकता है।
रेल सेफ्टी आयुक्त ने अफसरों को दिए सुझाव Bilaspur Train Accident
हादेस के लिए रेल सेफ्टी आयुक्त ने रेल प्रशासन के अलावा चालक को जिम्मेदार ठहराया है। आगामी दिनों में इस तरह की कोई घटना न हो सके, इसके लिए विशेष सुझाव भी रेल प्रशासन के अफसरों को दिया है, जिसमें ट्रेन परिचालन सुगम बनाने तथा अन्य उपकरणों द्वारा दर्ज किए गए इवेंट्स से मिलान करने के लिए सभी मानिटरिंग और रिकार्डिंग उपकरणों की घड़ियों को जीपीएस समय से स्वतः समन्वित करने कहा गया है।
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