पश्चिम बंगाल पुलिस ने साइबर अपराध के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात जामताड़ा गैंग से जुड़े 46 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें ऑनलाइन फिशिंग, डिजिटल ठगी और वित्तीय घोटाले शामिल थे. बीते 15 दिनों में बंगाल की पुलिस ने बीरभूम, आसनसोल, दुर्गापुर, चंदननगर और पूर्व बर्दवान में कई छापेमारी कीं. इस दौरान 84 मोबाइल फोन, इतनी ही संख्या में सिम कार्ड और 100 से अधिक क्रेडिट और डेबिट कार्ड बरामद किए गए.
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एडीजी सुप्रतिम सरकार ने बताया कि आसनसोल, बीरभूम, दुर्गापुर, चंदननगर और पूर्व बर्दवान से कई शिकायतें मिली हैं, जहां साइबर धोखाधड़ी मुख्य रूप से किसी प्रसिद्ध कंपनी के नाम पर की जाती है और डिजिटल गिरफ्तारी की भी कई शिकायतें मिली हैं. इसके अलावा, फर्जी नौकरियां, फर्जी निवेश, गैस लाइन उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी और सेक्सटॉर्शन सहित कई आरोप भी थे. इसीलिए राज्य पुलिस ने ऑपरेशन ‘साइबर शक्ति’ शुरू किया. इसके लिए 10 टीमें गठित की गईं.
बंगाल से जुड़े जामताड़ा गिरोह के तार
एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने बताया. झारखंड के जामताड़ा से संचालित हो रहे साइबर अपराध गिरोहों से सभी गिरफ्तार आरोपी जुड़े हुए थे. ‘इन साइबर ठगों ने बंगाल के पश्चिमी जिलों में अपना नेटवर्क फैला लिया था, हमारे पास पुख्ता जानकारी थी, जिसके आधार पर छापेमारी कर इन्हें गिरफ्तार किया गया,’
गिरफ्तार किए गए आरोपियों पर डिजिटल गिरफ्तारी (डिजिटल गिरफ्तारी), फर्जी जॉब स्कैम, निवेश धोखाधड़ी, सेक्सटॉर्शन और नकली गैस कनेक्शन जैसे ठगी का आरोप लगाया गया है. इन गिरोहों ने गरीब लोगों को झांसे में लेकर लाखों रुपये ठगे थे.
पुलिस अधिकारियों ने कहा पश्चिम बंगाल पुलिस को राज्य भर से इन साइबर ठगों के खिलाफ 250 से अधिक शिकायतें मिली थीं, इनमें से करीब 90 प्रतिशत मामलों को हल किया गया है.
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