हेमंत शर्मा, इंदौर। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने औद्योगिक मामलों से जुड़े लाखों कर्मचारियों और कंपनियों को बड़ी राहत दी है। केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि जब तक नई व्यवस्था पूरी तरह लागू नहीं होती, तब तक पुराने श्रम न्यायालय और औद्योगिक न्यायाधिकरण ही सभी मामलों की सुनवाई करते रहेंगे। सरकार ने यह आदेश औद्योगिक संबंध संहिता (कठिनाइयों का निवारण) आदेश, 2025 के तहत जारी किया है, जो 8 दिसंबर 2025 से लागू हो गया है।
दरअसल, 21 नवंबर 2025 से औद्योगिक संबंध संहिता लागू कर दी गई थी, लेकिन नए औद्योगिक न्यायाधिकरण अब तक पूरी तरह चालू नहीं हो सके। इससे हजारों मामलों के अधर में लटकने का खतरा पैदा हो गया था। इसी उलझन को खत्म करने के लिए अब सरकार ने साफ समाधान कर दिया है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि औद्योगिक विवाद अधिनियम, 1947 के तहत जो केस अलग-अलग श्रम न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में चल रहे हैं, वे वहीं चलते रहेंगे। कोई केस रोका नहीं जाएगा और न ही किसी कर्मचारी को अदालतों के चक्कर में भटकाया जाएगा।
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इतना ही नहीं, जिन मामलों को नए कानून के तहत ट्रांसफर किया जाना है, उन्हें भी आगे बढ़ाया जाएगा। न्यायाधिकरण चाहें तो केस नए सिरे से चला सकते हैं या वही से आगे सुनवाई करेंगे, जहां मामला रुका था। सरल शब्दों में कहें तो सरकार ने साफ संदेश दे दिया है कि कानून बदला है, लेकिन इंसाफ नहीं रुकेगा। आपको बता दें कि यह आदेश संयुक्त सचिव दीपिका कच्छल की ओर से जारी हुआ है।
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