लखनऊ। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने टैरिफ आदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की अनिवार्यता को लेकर अहम निर्णय दिया है।

आयोग ने स्पष्ट किया कि भले ही आरडीएसएस योजना के अंतर्गत उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर या प्रीपेड मीटर देने की बाध्यता हो, लेकिन राष्ट्रीय कानून—विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 47(5) उपभोक्ता को यह अधिकार देता है कि वह पोस्टपेड या प्रीपेड में से किसी एक बिलिंग प्रणाली को चुन सके।

इस फैसले के बाद उपभोक्ताओं को मीटरिंग के तरीके को लेकर अधिक स्वतंत्रता मिलेगी और बिजली वितरण कंपनियों को भी इस विकल्प का पालन करना होगा।

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