अनिल मालवीय, सीहोर। जिले के इछावर के कोनाझिर और बोरदी टोल नाके पर मौजूद टोलकर्मियों द्वारा फर्जी टोल टैक्स रसीदों के माध्यम से शासन को रोजाना लाखों की चपत लगाने का मामला सामने आया है। कोनाझिर ओर बोरदी टोल नाका मप्र रोड़ डेवलपमेंट कारपोरेशन द्वारा संचालित किया जाता है इसके संचालन के लिए इन दोनों टोल नाके पर मैनेजर व असिस्टेंट मैनेजर सहित कई टोल वसूलने वाले कर्मियों की नियुक्ति की गई है।

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डंपर और ट्रैक्टर ट्राली के लिए अलग अलग रसीद

इन टोल कर्मियों की मिलीभगत के चलते यहां से गुजरने वाले रेत के डंपर और रेत से भरी ट्रैक्टर ट्राली एव अन्य भारी वाहनों से टोल टैक्स वसूला जाता है। रेत से भरे डंपर से 650 रुपये व ट्रैक्टर ट्राली से 130 रुपए टोल टैक्स लिया जाता है। प्रतिदिन इन दोनों टोल से 400 से अधिक डंपर व 600 से अधिक ट्रैक्टर ट्राली गुजरती है। इसी दौरान कर्मियों द्वारा फर्जीवाड़े की जाती है। टोल नाके से गुजरने वाले आधे डंपरों को असली व आधे को एक छोटी बिल मशीन के माध्मय से रसीद दी जाती है।

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मशीन छिपाकर ले जाता कैमरे में कैद

छोटी बिल मशीन द्वारा दी गई रसीद का पैसे टोल कर्मियों की जेब में जाता है जो रोजाना लाखों में होता है। जब मीडिया ने टोल टैक्स पर जाकर हकीकत की पड़ताल की तो एक टोलकर्मी छोटी बिल मशीन छिपाकर ले जाता कैमरे में कैद हुआ। वही मीडिया पर दवाब बनाने करीब एक दर्जन टोल कर्मी भी इकट्ठा हो गए। टोल टैक्स मैनेजर अरुण यादव से पूछा गया तो अपनी गलती व हो रहे फर्जीवाड़े पर पर्दा डालते हुए कहा कि सभी काम नियमानुसार कर रहे है।

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