शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में फर्जी स्टांप कारोबार का भंडाफोड़ हुआ है। मृत वकीलों की मुहर लगाकर फर्जीवाड़ा को अंजाम दिया जा रहा था। फर्जी स्टांप का खेल 30 साल से चल रहा था। गिरोह में स्टांप वेंडर और वकील भी शामिल बताए जा रहे है।
तीन स्टांप वेंडर, दो वकील और दलाल पर FIR
दरअसल गिरोह के सदस्य उपयोग किए गए स्टांप के प्रिंट को मिटाकर उन्हें दोबारा वेंडर को बेचता था। वेंडर वकीलों की मदद से नोटरी में उनका धड़ल्ले से दोबारा उपयोग कर रहे थे। मामले में पुलिस ने तीन स्टांप वेंडर, दो वकील और दलाल समेत कुल 10 लोगों पर किया केस दर्ज किया है। मामला उजागर होने के बाद वकील और दुकान संचालक फरार हो गया है।
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स्टांप पेपर का प्रिंट केमिकल से मिटाता था
आरोपियों के पास से लाखों रुपए के फर्जी स्टांप टिकट मिले है। आरोपी आरिफ अफजल अली स्टांप पेपरों का प्रिंट केमिकल से मिटाता था और उसे स्टांप वेंडर तक पहुंचाता था। मामले में पुलिस ने प्रीतम प्रजापति, नरेश सहरिया, आरिफ और जतिन साहू को गिरफ्तार किया है। पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है।

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