फिरोज अहमद/ दरभंगा। बिहार राज्य आशा कार्यकर्ता संघ जो गोपगुट और ऐक्टू से सम्बद्ध है के आशा कार्यकर्ताओं ने आज सिंहवारा सीएचसी के सभा कक्ष में एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में आशा कार्यकर्ताओं ने अगस्त 2023 में हड़ताली आशाओं के साथ हुए लिखित समझौते के बावजूद, बिहार सरकार द्वारा आशाओं को दिए गए पारितोषिक पर नाराजगी व्यक्त की। आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह पारितोषिक सरकार का धोखा है और उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं।
अधिकारों को किया जा रहा नजरअंदाज
बैठक को सम्बोधित करते हुए ऐक्टू जिला सचिव उमेश प्रसाद साह ने कहा, “नीतीश सरकार ने समझौते को लागू करने की बजाय आशाओं को 3 हजार रुपये का पारितोषिक देने की घोषणा की है, जो कि 2023 के हड़ताल के दौरान किए गए लिखित समझौते का उल्लंघन है। सरकार कैबिनेट बैठक करने के बजाय केवल ट्वीट कर रही है, जो यह दर्शाता है कि वे आशाओं के अधिकारों को नजरअंदाज कर चुनावी रेवड़ी बांटने में व्यस्त हैं।”
धमकी भरा आदेश जारी
बैठक को सम्बोधित करते हुए आशा कार्यकर्ता गीता देवी ने कहा, “आयुष्मान कार्ड बनाने में क्षेत्र में कई समस्याएं सामने आ रही हैं, जैसे मोबाइल का 4जी होना, लाभुक का आधार और राशन कार्ड से लिंक न होना, और नेट की कमी। इसके बावजूद, जिलाधिकारी महोदय ने चयन मुक्ति का धमकी आदेश जारी किया है, जो गलत है।
सरकारी कर्मी का दर्जा करेंगे प्राप्त
ममता देवी ने कहा, बिहार की आशा कार्यकर्ताओं ने अपने संघर्ष के दम पर यह छोटी सी जीत दर्ज की है और हम आगे भी सरकार से लड़कर मानदेय और सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त करेंगे। आशा देवी और उषा झा ने भी बैठक में अपनी बातें रखीं और कहा कि नीतीश सरकार की वादा-खलाफी के खिलाफ आगामी 12 अगस्त को पटना में एक विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। सिंहवारा प्रखंड की आशा और फैसलीटेटर सैकड़ों की संख्या में पटना गेट पब्लिक लाइब्रेरी, गर्दनी वाग में आयोजित इस विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगी। इस बैठक में दर्जनों आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया और अपने अधिकारों की लड़ाई को और तेज करने का संकल्प लिया।
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें