सुरेश पारतागिरी, बीजापुर। पुलिस ने जिले में एक अभियान के तहत अंतरराज्यीय गौ-तस्करी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 83 गौवंशी मवेशियों को तस्करों के कब्जे से मुक्त कराया है। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित मिनकापल्ली के जंगल मार्ग में की गई, जहां से तस्कर इन पशुओं को तेलंगाना राज्य के एटुनगरम की ओर अवैध रूप से ले जा रहे थे। पुलिस ने मामले में 7 लोगों को गिरफ्तार किया है।

थाना मद्देड़ पुलिस को एक गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ तस्कर मिनकापल्ली–तारलागुड़ा जंगल मार्ग का उपयोग करते हुए बड़ी संख्या में गौवंशी मवेशियों को हांकते हुए तेलंगाना सीमा की ओर ले जा रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ग्राम मिनकापल्ली के समीप जंगल में घेराबंदी कर दी और मौके पर संदिग्ध गतिविधि कर रहे 7 व्यक्तियों को रोका।

पूछताछ में सभी आरोपियों के पास पशु परिवहन के कोई वैध दस्तावेज नहीं पाए गए। तत्पश्चात, गवाहों की उपस्थिति में मौके पर 83 नग गौवंशी मवेशियों को जब्त किया गया।

पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ कृषिक पशु परिरक्षण अधिनियम, 2004, पशु क्रूरता निवारण अधिनियम, 1960 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया है और सभी आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय में रिमांड पर प्रस्तुत किया गया।

पशुओं को रखने कांजी हाउस में की गई व्यवस्था

गौरतलब है कि मुक्त कराए गए 83 मवेशियों को उपखंड अधिकारी (SDM) भोपालपटनम द्वारा जारी आदेश के अनुरूप ग्राम पंचायत मद्देड़ स्थित कांजी हाउस में सुरक्षित रूप से रखा गया है, जहाँ उनकी देखरेख और चारे-पानी की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

पुलिस और प्रशासन ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गौवंश की अवैध तस्करी में संलिप्त किसी भी व्यक्ति के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यह सफलता न केवल मद्देड़ थाना पुलिस की सतर्कता का परिणाम है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पशु तस्करी रोकने के लिए प्रशासन की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।

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