उत्तर प्रदेश में बाढ़ और बारिश ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है. भारी बारिश और बैराजों से पानी छोड़े जाने के कारण वाराणसी, प्रयागराज, मिर्जापुर, झांसी, आगरा, कानपुर देहात, कानपुर नगर समेत सभी प्रमुख जिलों में नदियां उफान पर हैं. कई लोगों के घर डूब गए हैं. कई जिलों में स्कूलों में पानी घुस गया है. सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति वाराणसी और प्रयागराज में है. करीब 402 गांव बाढ़ की चपेट में हैं.
इधर बाराबंकी में सरयू का जलस्तर भी खतरे के निशान के 3 सेमी ऊपर पहुंच गया है. शारदा, गिरजा बैराज से 2,81,973 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे सरयू नदी के तटवर्ती गांवों में हड़कंप मच गया है. वहीं प्रशासन अलर्ट मोड पर है. ये स्थिति सिरौलीगौसपुर, रामनगर तहसील के गांवों में है.
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जानकारी के मुताबिक यूपी के 14 जिले बाढ़ की चपेट में हैं. राज्य सरकार की तरफ से दावा किया गया है कि प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव के कार्य तेजी के साथ किए जा रहे हैं. प्रभावित लोगों को सुरक्षित कैंप में पहुंचाया गया है. खाने पीने का सामान आदि भी मुहैया करवाया गया है. सरकार की तरफ से स्टेट ओवरव्यू बुलेटिन जारी किया गया है.
बता दें कि मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की संभावना जताई है. जिसके लिए IMD ने रेड अलर्ट जारी किया है. मौसम जानकारों के मुताबिक सोमवार को गोंडा, बहराइच, सीतापुर, बाराबंकी और आसपास के इलाकों में जमकर बारिश होगी. वहीं श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, अमेठी, अयोध्या, बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
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वहीं प्रदेश में लगातार हो रही बारिश से गंगा, यमुना, केन, चंबल नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. वाराणसी में गंगा और वरुणा नदियों का पानी अब समुद्र तट पर बह रहा है. वाराणसी में शनिवार की रात 12 बजे गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से 71.26 मीटर उपर पहुंच गया. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा के जलस्तर में लगातार तेजी से वृद्धि हो रही है. बांदा में भी यमुना और केन नदी भी ऊफान पर है. चंबल नदी पहले ही खतरे के बिंदु को पार कर चुकी है. एनडीआरएफ-एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन लोगों को सुरक्षित राहत शिविर पहुंचा रहा है. गंगा का पानी गंगा सीढ़ियों से मुख्य मार्ग तक आ गया है. दशाश्वमेध और शीतला घाट पर भी गंगा सीढियां मुख्य मार्ग तक आ गया है.
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