प्रतीक चौहान. रायपुर. डब्ल्यूआरएस कॉलोनी स्थित रेलवे के अफसर के घर बड़ी चोरी का मामला सामने आया है. घर के अंदर 5 लाख रुपए कैश और 15 लाख के गहने पार होने की रिपोर्ट खमतराई थाने में दर्ज कराई गई है. लेकिन सूत्रों के मुताबिक ये चोरी करीब 30 लाख से ऊपर की हो सकती है.
ये कोई सामान्य चोरी नहीं है. वो इसलिए क्योंकि इसमें न तो अलमारी का ताला तोड़ा गया और न लॉकर के फिंगर प्रिंट में किसी के निशान आए. अब सवाल ये है कि ये चोरी की तो की किसने. वहीं रेल अधिकारियों में ये भी चर्चा का विषय है कि एक रेल अफसर ने अपने घर में बड़ी मात्रा में कैश क्यों रखा था, वहीं गहने भी लॉकर में क्यों नहीं रखे. हालांकि ये भी जांच का विषय है कि चोरी हुए कैश का कोई और कनेक्शन तो नहीं है.
ये है लल्लूराम डॉट कॉम की पूरी पड़ताल
- डब्ल्यूआरएस कॉलोनी में बंगला नंबर 509 में रहने वाले डिप्टी सीएमएम/आरडब्ल्यूएसएस पुरूषोत्तम शेट्टी के अलमारी की चाबी 5 अगस्त को चोरी हो जाती है. हालांकि इस चाबी का एक दूसरा सेट घर में रहता है. लेकिन जैसे ही ये चाबी चोरी होती है अधिकारी की पत्नी अपने पति को इसकी जानकारी देती है. पति ने पत्नी को ये सलाह भी दी कि दूसरी चाबी से कैश और गहनें कही शिफ्ट कर दिए जाए. लेकिन ऐसा नहीं होता.
- घर में काम करने वाले एक स्टॉफ ने मैडम से ये भी कहा कि वो एक ताला-चाबी वाले को जानता है. यदि चाबी चोरी हो गई है तो लॉक बदल दिया जाना चाहिए. लेकिन ऐसा भी नहीं होता.
- 9 अगस्त को घर की अलमारी में रखे गहने और कैश चोरी हो जाते है. जिस वक्त ये चोरी होते है तब अधिकारी बाबा धाम दर्शन करने गए हुए थे. उन्हें पत्नी ने फोन पर ये जानकारी दी.
- इसके बाद अधिकारी ने अपने बंगला प्यून को फोन कर चोरी की जानकारी दी. लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में पता चला है कि चोरी के अगले दिन बंगला प्यून छुट्टी में था. जिसे बाद में फोन कर बुलाया गया और शक के आधार पर खमतराई थाना पुलिस ने उससे भी पूछताछ की.
- लेकिन ये बात 11 अगस्त की है. जबकि चोरी 9 अगस्त को होती है. पड़ताल में ये भी पता चला कि आरपीएफ के पास 40 लाख रुपए के चोरी होने की जानकारी पहुंची थीं. चूंकि चोरी रेल अफसर के घर में थी और संभवतः इसका पूरा हिसाब-किताब देना न पड़े इसके लिए पुलिस को ये जानकारी बाद में दी गई.
दो दिन मामला शांत रहा…
- चोरी के बाद आरपीएफ ने अपने स्तर में घर में काम करने वाला 2 बाई से पूछताछ की. लेकिन उनसे कोई ठोस सुराग नहीं मिला.
- पुलिस और आरपीएफ की टीम ने घर में काम करने वाली बाई के घर भी दबिश दी. जहां कुछ नहीं मिला.
- जिसके बाद मामला पुलिस के पास पहुंचा. पुलिस ने भी शक के आधार पर घर में काम करने वाले 5 कर्मचारियों से पूछताछ की. उनके फिंगर प्रिंट लिए, घर में क्राइम ब्रांच और सीआईडी की टीम भी पहुंची. लेकिन इसके बावजूद कोई सफलता हाथ नहीं लगी.
- लल्लूराम डॉट कॉम की पड़ताल में अब ये जानकारी सामने आई है कि पुलिस तकनीकी आधार पर इस पूरी चोरी की पड़ताल कर रही है, जिसमें चौंकाने वाला खुलासा जल्द होने की उम्मीद जताई जा रही है.
- पड़ताल में ये भी पता चला है कि फिंगर प्रिंट जो टीम द्वारा लिए गए है वह लॉकर के फिंगर प्रिंट से मैच नहीं हुए. हालांकि पुलिस इस मामले में गहनता से जांच कर रही है.
- लेकिन इस चोरी की के बाद उक्त अधिकारी के घर काम करने के लिए कोई भी तैयार नहीं है. क्योंकि चोरी के बाद अधिकारी और उनकी पत्नी ने सब पर शक किए. यही कारण है कि कोई भी स्टॉफ अब उस अधिकारी के घर काम करना नहीं चाह रहा है.
- हालांकि अब ये भी सवाल उठता है घर काम करने वालों, घर वालों को छोड़कर यदि कोई आया तो वो कौन था और उसे घर के किस व्यक्ति ने चाबी दी ?
- या इस चोरी के पीछे कोई और नया एंगल है. ये पूरा खुलासा पुलिस की तकनीकी पड़ताल के बाद ही स्पष्ट होगा.
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