हेमंत शर्मा, इंदौर। व्यापमं घोटाले से जुड़े एक अहम मामले में इंदौर की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। अदालत ने पीएमटी भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े के मामले में 12 आरोपियों को दोषी ठहराते हुए प्रत्येक को 5-5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही सभी आरोपियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

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मामला वर्ष 2011 की पीएमटी भर्ती परीक्षा

दरअसल यह मामला वर्ष 2011 की पीएमटी भर्ती परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें वास्तविक अभ्यर्थियों की जगह फर्जी परीक्षार्थियों से परीक्षा दिलवाई गई थी। इस संगठित फर्जीवाड़े में फॉर्म भरने वाले मूल परीक्षार्थी, उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले फर्जी परीक्षार्थी और पूरी व्यवस्था कराने वाले बिचौलिये शामिल थे। जिसमें आज अदालत की माननीय न्यायाधीश शुभ्रा सिंह ने सभी पक्षों को सुनने के बाद आरोपियों को दोषी करार दिया और सजा सुनाई। अदालत के आदेश के बाद सभी दोषियों को जेल भेज दिया गया।

योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ गंभीर अन्याय

दोषी ठहराए गए 12 आरोपियों में चार आरोपी मध्यप्रदेश के निवासी हैं, जबकि शेष आरोपी उत्तर प्रदेश से संबंधित हैं। अदालत ने स्पष्ट किया कि यह अपराध न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि योग्य अभ्यर्थियों के भविष्य के साथ भी गंभीर अन्याय है। वही इस मामले में एक अन्य आरोपी नाबालिग होने के कारण उसके प्रकरण की सुनवाई पहले ही पृथक रूप से की जा चुकी है। गौरतलब है कि व्यापमं घोटाला देश के सबसे बड़े भर्ती और परीक्षा घोटालों में से एक रहा है, जिसमें अब तक कई मामलों में दोषियों को सजा सुनाई जा चुकी है।

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