सत्यपाल सिंह राजपूत, रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पार्किंग विवाद दिनों दिन बढ़ते जा रहा है. मेकाहारा अस्पताल में जहां ओपीडी चार्ज 10 रुपए, लेकिन पार्किंग के नाम 40 से 100 रुपए तक देना पड़ रहा है. इससे सौ-पचास नहीं बल्कि हर दिन 2 से 3 हजार लोग प्रभावित हो रहे है, जिससे लोगों में आक्रोश है.
दरसअल, टू व्हीलर का पार्किंग चार्ज दिन में 6 घंटे का 10 रुपए तो रात में 6 घंटे का 20 रुपए है. इस तरह रात में 8 बजे से मोटर साइकिल रखने पर सुबह आपको 40 रुपए देना होगा. लोगों ने बताया कि रात भर में हमें कई बार अस्पताल से दवा, खाना, पानी, और पेशाब करने के बाहर जाना पढ़ता है, जिसके लिए 40 से 100 रुपए देना पड़ता है, मरीजों ने गुहार लगाते हुए कहा कि यह लूट बंद करें. हमारे पास इतने पैसे होते तो सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए क्यों आते.
दूर-दराज से आने वाले मरीजों ने बताया कि रात भर में हमें कई बार अस्पताल से दवा, खाना, पानी और पेशाब करने के बाहर जाना पड़ता है, शौचालय में दिन में 1 बजे के बाद ताला लटका होता है, इसलिए पेशाब के लिए भी बाहर जाना पड़ता है, पार्किंग से गाड़ी निकाले मतलब 20 रुपए लगेगा ही, नहीं देने पर विवाद करते हैं, मारपीट पर उतारे रहते हैं. अगर हम गाड़ी नहीं निकाले तो भी सुबह 40 रुपए देना ही पड़ता है, इस तरह मरीज के परिजनों को एक रात में 40 से 100 रुपए देना पड़ता है.
दुर्ग से इलाज के लिए आए मनीष साहू ने कहा अगर हमारे पास इतान पैसा होता तो सरकारी अस्पताल में क्यों आते, दस रुपए में ओपीडी पर्ची मिल जाता है, इलाज हो जाता है, वहीं अस्पताल के पार्किंग में लूटा जा रहा एक रात का 40 रुपए लेते ही हैं..बीच में किसी काम से जितने बार बाहर निकले चाहे पांच मिनट के लिए क्यों नहीं हर बार 20 रुपए लिया जाता है, जब पूछते हैं दिन औऱ रात का अलग चार्ज क्यों ? विवाद होती है, मारपीट के लिए उतारू हो जाते हैं.
मुफ्त इलाज का मतलब बाकी संसाधन मुफ्त नहीं
अंबेडकर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. नितिन जैन ने टेंडर प्रक्रिया के हवाला देते हुए कहा कि जो टेंडर में मूल्य निर्धारित हैं, उसके अनुरूप चार्ज लिया जा रहा. साथ ही उन्होंने बताया कि अभी पार्किंग को अस्पताल चला रहा है, दिन-रात में इअलग-अलग चार्ज क्यों लेते हैं, मुझे नहीं पता टेंडर नियम के अनुसार संचालन किया जा रहा है. ओपीडी की बात है तो समय अनुसार फ्री भी होता है, इलाज मुक्त है इसका मतलब ये नहीं कि बाकी संसाधन मुफ्त हो.