पुरी। भगवान जगन्नाथ की 12 यात्राओं (द्वादश यात्रा) में से मकर संक्रांति भी एक महत्वपूर्ण यात्रा है. इस अवसर पर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) की ओर से त्रिमूर्ति देवताओं के मकर अनुष्ठान का आयोजन श्रीमंदिर में किया जा रहा है.

सुबह भगवान की मंगल आरती और अबकासा अनुष्ठान के बाद, उनके वस्त्र परिवर्तन (पाटा पहराना) किया गया. इसके बाद भगवान के सिर पर ‘मकर चूला’ सजाया गया. फिर कर्पूर लागी, गोपालभल्लभ, सकला धूप जैसे अनुष्ठान किए गए. इसके बाद, मेलन, महास्नान, सर्वांगा लागी, नुआलगा लागी, माला चूला लागी और भगवान का अलंकरण किया गया. इसके पश्चात भगवान को मकर चौरासी वेष धारण कराया जाएगा, जिसके बाद भक्त उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकेंगे.

आज से सूर्य की उत्तरायण गति प्रारंभ हो रही है. इस शुभ समय से तापमान धीरे-धीरे बढ़ेगा और गर्मी का अहसास होगा. भगवान जगन्नाथ उत्तरायण के इस पवित्र समय में मकर चौरासी वेष धारण करेंगे, जिसमें माला चूला आभूषण भी शामिल होंगे. माला चूला को जगन्नाथ बल्लभ मठ द्वारा तैयार किया गया, जबकि फूल और तुलसी के पत्ते बड़ौड़िया मठ द्वारा प्रदान किए गए. सोमवार को आलम चंडी मंदिर से मकर चूला भोग, जिसे मकरताड़ा कहा जाता है, पुरी श्रीमंदिर भेजा गया.

भक्त कर पांच घंटे नहीं कर पाएंगे भगवान के दर्शन

बनकालगी अनुष्ठान की वजह से भक्त बुधवार को भगवान जगन्नाथ के पांच घंटे तक दर्शन करने की अनुमति नहीं कर पाएंगे. श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) द्वारा जारी सूचना के अनुसार, देवताओं का बनकालगी अनुष्ठान 15 जनवरी (बुधवार), माघ मास के कृष्ण पक्ष की दूसरी तिथि को आयोजित किया जाएगा. इस कारण सामान्य दर्शन बुधवार शाम 5 बजे से रात 10 बजे तक, दूसरे भोग मंडप अनुष्ठान के समाप्त होने के बाद स्थगित रहेगा.