उज्जैन, नर्मदापुरम, दतिया। देश भर में आज यानी 15 जनवरी को मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। ये पर्व सूर्य के मकर राशि में आने पर मनाया जाता है। शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति से देवताओं के दिन की शुरुआत होती है। इस दिन कई शहरों में पतंग उड़ाई जाती है। इसी बीच मध्य प्रदेश के उज्जैन, दतिया और नर्मदापुरम में मकर संक्रांति का पर्व बड़े ही शानदार तरीके से मनाया जा रहा है। यहां सुबह से ही महिलाएं उठ कर स्नान कर दान कर रही हैं।

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अजय नीमा, उज्जैन मकर संक्रांति का पर्व यहां श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया गया। रामघाट पर स्नान के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था की गई। क्षिप्रा में नर्मदा का जल आने से दो पुण्य सलिला के जल में स्नान करने का लाभ भी श्रद्धालुओं ने प्राप्त किया। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की ड्यूटी भी लगाई गई। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के कारण शहर में अधिक भीड़भाड़ रही।

पवित्र नदी में स्नान का है अधिक महत्व
मकर संक्रांति के पर्व पर पवित्र नदी में स्नान का अधिक महत्व होने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु रामघाट पहुंचे। वहीं दान का विशेष महत्व होने से कई स्थानों पर भिक्षुकों को दान दिया गया और गायों को चारा खिलाया गया। पर्व स्नान का लाभ लेने शहर आने वाले श्रद्धालुओं द्वारा देव स्थलों पर दर्शन पूजन किया गया। शहर के विभिन्न मंदिरों में आकर्षक सजावट और शृंगार भी किए गया।

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सूर्य मंदिर में भक्तों ने चढ़ाया जल
रवि रायकवार, दतिया। 
प्रदेश के दतिया में आज सुबह से ही प्राचीन सूर्य मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। इसके साथ ही कड़ाके की ठंड और नदी के ठंडे पानी में पहूज नदी में भक्तों ने आस्था की डुबकी भी लगाई। इसके बाद सूर्य मंदिर में जल चढ़ा कर पूजा अर्चना की। बतादें कि, सूर्य मंदिर 200 साल से अधिक प्राचीन है। यहां उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु पहुंचते है। जहां पर भगवान भास्कर के दर्शन कर जल चढ़ाते है।

मकर सक्रांति पर श्रद्धालुओं ने लगाई नर्मदा में डुपकी
इन्द्रपाल सिंह, नर्मदापुरम।
आज मकर संक्रांति का दिन है, और सूर्य देव के उत्तरायण में आने का पर्व मकर संक्रांति मां नर्मदा की नगरी नर्मदापुरम में परंपरागत भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है। मकर संक्रांति पर्व पर नर्मदा स्नान के लिए श्रद्धालुओं का नर्मदापुरम में आने का सिलसिला अलसुबह से ही शुरू हो गया था। वहीं श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सभी घाटों पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। हर घाट पर 10 से 15 सुरक्षा जवान तैनात रहे। सुरक्षा जवानों द्वारा श्रद्धालुओं को घेरे पानी मे नहीं जाने की सलाह भी दी जा रही है।

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ज्योतिशों के मुताबिक मकर संक्रांति पर्व काल रात्रि से प्रारंभ होकर आज दिन भर तक रहेगा। मान्यता है कि साल भर में 12 संक्रांति आती है लेकिन मकर संक्रांति इनमें विशेष महत्व रखती है। सूर्य देव के उत्तरायण में आने के उपलक्ष्य में इस पर्व को मनाया जाता है और इस दिन से विवाह आदि मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं।

क्या है मान्यता
मान्यता के अनुसार इस दिन सूर्य धनु राशि से मकर और दक्षिणायन से उत्तरायण में आ जाता हैं। संक्रांति के पर्व पर पुण्य नदियों में स्नान कर दान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। मकर संक्रांति का पर्व सामाजिक सरोकारों का पर्व भी है इस दिन दान का विशेष महत्व होता है और सभी श्रद्धालु इस दिन अपनी क्षमतानुसार दान धर्म कर पुण्य लाभ कमाते हैं। संक्रांति पर तिल दान का विशेष महत्व होता है। नर्मदा घाटों पर परंपरागत रूप से दरिद्रनारायणों की भी संक्रांति पर्व पर भारी भीड़ होती है। श्रद्धालुओं मां नर्मदा के पुण्य जल में स्नान के घाटों पर दान धर्म आदि धार्मिक कार्य किए गए।

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