गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मकर संक्रांति के अवसर पर गोरखपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने मकर संक्रांति की विविधता और महाकुंभ की भव्यता पर प्रकाश डाला। सीएम ने मकर संक्रांति को भारत की पावन परंपरा और सूर्य देवता को समर्पित बताया। साथ ही श्रद्धालुओं से इस पर्व को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अनुयायी देश के विभिन्न हिस्सों में इस पर्व को अलग-अलग नामों से मनाते हैं।

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सूर्य देव की कृतज्ञता ज्ञापित करने का पर्व

मुख्यमंत्री ने प्रदेशावसियों को मकर संक्रांति पर्व की शुभकामना देते हुए कहा कि भारत के पावन पर्व और त्योहारों की श्रृंखला का एक ऐसा पर्व है। यह पर्व जगत पिता सूर्य देव की कृतज्ञता ज्ञापित करने का पर्व है। पूरे देश के अंदर अलग-अलग नाम और रुपों के आधार पर इस पर्व को सनातन धर्म के मनाने वाले लोग बड़ी श्रद्धा के साथ इस आयोजन के साथ जुड़ते हैं। देश के अंदर उत्तर हो, दक्षिण हो, पूरब हो या फिर पश्चिम हो अलग-अलग नाम और रुपो में इस पर्व को लोग मनाते है।

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असम में संक्रांति को बिहू रूप में मनाया जाता है

उत्सव भारत के सनातन धर्म की परंपरा में आनंद के क्षणों को एकजुटता के साथ आयोजित करने अपने खुशी के साथ पूरे समाज की खुशी को जोड़ने का एक सशक्त माध्यम रहा है। इसी परंपरा के अनुरुप वहां की क्षेत्र विशेष की आवश्यकता के अनुसार भारत के ऋषि परंपरा ने इन पर्वों को वहां पर संयोजित किया। आज उसी का विराट रुर हम सबको देखने को मिलता है। सीएम योगी ने आगे कहा कि देश के पूर्वी हिस्सों में अगर आप असम आदि क्षेत्र में जाएंगे तो मकर संक्रांति बिहू के रुप में मनाया जाता है। इसी तरह यदि आप पंजाब की ओर जाएंगे तो लोहड़ी और दक्षिण की ओर जाएंगे तो मकर संक्रांति को पोंगल के रुप में मनाया जाता है। बंगाल और महाराष्ट्र में तिलवा संक्रांति के रुप में और उत्तर भारत मे खिचड़ी संक्राति के रुप में मकर संक्रांति को मनाया जाता है।

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संतों को अमृत स्नान की दी बधाई

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संतों, श्रद्धालुओं को प्रयागराज महाकुंभ के पहले अमृत स्नान की भी बधाई और शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि एक तरफ भगवान गोरखनाथ की पावन तपस्थली पर आस्था की खिचड़ी चढ़ाई जा रही है तो दूसरी ओर इस सदी का पहला महाकुंभ तीरथपति प्रयागराज में प्रारंभ हो चुका है। सीएम ने कहा कि महाकुंभ के प्रति जो आकर्षण देश और दुनिया में देखने को मिल रहा है वह अद्भुत है अकल्पनीय है। कल सोमवार को लगभग 2 करोड़ श्रद्धालुओं ने प्रयागराज में मां गंगा, यमुना और सरस्वती की त्रिवेणी में डुबकी लगाई और पुण्य के भागीदार बने। आज प्रयागराज में पूज्य संतों की अगुवाई में लाखों की संख्या में श्रद्धालु ब्रह्म मुहूर्त से ही पुण्य की डुबकी लगा रहे हैं।