दीपक सोहले, बुरहानपुर। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिला मुख्यालय से 12 किमी दूर उख्खड गांव में 400 वर्ष पुराने रोकड़े हनुमान मंदिर (Rokadia Hanuman Temple) का मंदिर है। हर साल यहां रोकड़िया हनुमान का मेला धूम-धाम से लगता है। मकर संक्रांति के मौके पर रोकड़िया हनुमान के दर्शन के लिए कई भक्त परिवार के साथ शामिल हो रहे हैं। यहां स्थापित मूर्ति तिल-तिल कर प्रतिवर्ष बढ़ती ही जा रही है।
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बुरहानपुर जिले के उख्खड गांव में प्रति वर्षानूसार इस वर्ष भी मेले का आयोजन किया गया। यहां मान्यता है कि जो भी अपनी मुराद लेकर आता है वह तुरंत ही पूर्ण हो जाती है। किसी काम में रुकावट आती है या अलग-अलग प्रयासों के बाद भी घर में पैसे और शांति की दिक्कत रहती है तो रोकड़े हनुमान मंदिर सारी परेशानियों को दूर करता है। रोकड़िया बाबा का नाम भी इसी मान्यता पर पड़ा है। यहां हर किसी की मान्यता तुरंत ही पूरी हो जाती है। कहते हैं कि जिस तरह से एटीएम से पैसा तुरंत ही निकल आता है उसी तर्ज पर रोकड़िया हनुमानजी भी मन्नतों को तुरंत पूर्ण कर देते हैं।
रोकड़िया हनुमानजी की मूर्ति 400 वर्ष पुरानी है। यह मूर्ति 15 से 20 सालों में ढाई फीट से 7 फीट में परिवर्तित हो गई। यह मूर्ति प्रतिवर्ष तिल-तिल कर बढ़ती जा रही है, यहां एक पाव बावडी (कुआं) भी हैं, जो कि निचे तक बावडी में जाने का रास्ता भी है। जो मंदिर के बीच से होकर जाता है। कहा जाता है कि मंदिर पहले बहुत ही सुक्ष्म था, किंतु अब विराट रूप में मंदिर बन गया हैं। यह मंदिर मदुरई से आए कई कारीगरों द्वारा तैयार किया गया हैं। अनूभवीयों की मानें तो यह मंदिर वाकई में भक्तों की मनोकमना को पूर्ण कर देता है। और मूर्ति तिल-तिल कर रोज बढ़ती ही जा रही है।
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