Makar Sankranti: ज्योतिष के अनुसार सूर्य का धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश हर वर्ष 20 मिनट देरी से होता है. इसलिए सूर्य की गति के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि 5000 वर्षों के बाद मकर संक्रांति फरवरी के अंत में मनाई जाएगी. 2024 कैलेंडर के अनुसार मकर संक्रांति का त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाता था, लेकिन इस बार यह 14 जनवरी 2025 को मनाया जाएगा.
इसके अलावा साल 2019 में भी मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई गई. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रात में सूर्य की राशि बदलती है. अब 2025 और 2026 में भी मकर संक्रांति का त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा.
सूर्य देव राशि परिवर्तन करते हैं (Makar Sankranti)
जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो उसे संक्रांति कहा जाता है. जब भगवान सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, उसी दिन मकर संक्रांति मनाई जाती है. पंचांग के अनुसार इस बार मकर संक्रांति 14 जनवरी को है. यह दिन मंगलवार है. इस दिन भगवान सूर्य सुबह 9 बजे मकर राशि में प्रवेश करेंगे. 1000 साल पहले मकर संक्रांति 1 जनवरी को मनाई जाती थी. ज्योतिष के अनुसार मकर संक्रांति पहली बार 14 जनवरी 1902 को मनाई गई थी. इससे पहले 18वीं शताब्दी में मकर संक्रांति 12 और 13 जनवरी को मनाई जाती थी.
जबकि मकर संक्रांति पहली बार 15 जनवरी 1964 को मनाई गई थी. हर तीसरे वर्ष अतिरिक्त माह होने के कारण इसे दूसरे और तीसरे वर्ष 14 जनवरी को तथा चौथे वर्ष 15 जनवरी को मनाया जाने लगा. अब 14 जनवरी 2077 को मकर संक्रांति अंतिम बार मनाई जाएगी. इसके बाद तारीख बदल जाएगी. प्रत्येक तीन वर्ष में सूर्य एक घंटे देरी से मकर राशि में प्रवेश करता है तथा प्रत्येक 72 वर्ष में एक दिन की देरी से मकर राशि में प्रवेश करता है.
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