हर साल मकर संक्रांति को हमारे देश के कई राज्यों में मनाया जाता है. हर राज्य में मकर संक्रांति के कई अलग रंग और रूप देखे जा सकते हैं. हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को बड़ा त्‍यौहार माना गया है क्योंकि इससे बहुत सारी कथाएं जुड़ी हुई हैं. इस दिन दान करने, गंगा नदी में स्नान करने और खिचड़ी खाने का अलग ही महत्व है. इस पर्व की खासियत यह है कि यह पूरे भारत वर्ष में अलग-अलग नाम से जाना जाता है. मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में गोचर के पहले दिन का और सर्दियों के अंत और गर्म और लंबे दिनों की शुरुआत का प्रतीक है.

पंजाब

पंजाब में माघी के नाम से मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है. इस दिन तड़के नदी में स्नान करते हैं और तिल के तेल का दीपक जलाते हैं. श्री मुक्तसर साहिब में माघी के दिन बड़ा मेले का आयोजन भी होता है. लोहड़ी का पर्व मकर संक्रांति या माघी से एक दिन पहले मनाया जाता है. Read More – नन्हीं परी को संभालते नजर आई Rubina Dilaik, एक्ट्रेस ने बॉडीकॉन हाई-स्लिट ड्रेस में दिखाया अपना फिगर …

गुजरात

गुजराती मकर संक्रांति की धूम पूरे देश में देखने को मिलती हैं. यहां इस दिन को बहुत बड़ा पर्व माना जाता है और इसे उत्तरायण कहा जाता है. गुजरात में दो दिन होने वाले मकर संक्रांति के पर्व में पतंग उत्सव होता है.

उत्तराखंड

कुमाऊं और गढ़वाल में इस उत्सव को बहुत खूबसूरत तरीके से मनाया जाता है. कुमाऊं में जहां इसे घुघुती भी कहते हैं, वहीं गढ़वाल में खिचड़ी संक्रांत कहा जाता है. कुमाऊं में घुघुती बनाई जाती है, जो एक मिठाई होती है. इसे अलग-अलग आकार में बनाया जाता है. घुघुती चिड़िया के स्वागत पर इसे बनाने की परंपरा है. इसे आटे और गुड़ से बनाया जाता है और गढ़वाली घरों में खिचड़ी बनाई जाती है और उसे दान भी दिया जाता है.

असम

असम में मकर संक्रांति को माघ बिहू या भोगली बिहू कहते हैं. इस दिन फसल उत्सव होता है, जिसे माघ में कटाई के मौसम के अंत का प्रतीक माना जाता है. असम उत्सव में बांस, पत्तियों और छप्पर से मेजी नाम की झोपड़ियां बनाई जाती है, इसमें दावत का आयोजन होता है और बाद में उन झोपड़ियों को जला दिया जाता है.

दक्षिण भारत में मकर संक्रांति

दक्षिण भारतीय राज्यों में मकर संक्रांति को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है. यहां इस त्योहार को अलग अलग नामों से जाना जाता है. Read More – जल्द वेब सीरीज में नजर आएंगे किंग खान के बेटे Aryan Khan, शाहरुख के जीवन पर बनेगी सीरीज …

तमिलनाडु में पोंगल

जैसे तमिलनाडु में मकर संक्रांति को पोंगल कहते हैं. ये चार दिन का पर्व होता है, जिसमें भोगी पोंगल, सूर्य पोंगल, मट्टू पोंगल, कन्या पोंगल मनाया जाता है. इस मौके पर चावल के पकवान बनते हैं और भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है.

केरल में मकर विलक्कू

केरल में मकर संक्रांति के पर्व को मकर विलक्कू कहते हैं. इस दिन प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर के पास लोग मकर ज्योति को आसमान में देखने के लिए एकत्र होते हैं.

कर्नाटक में एलु बिरोधु

कर्नाटक में मकर संक्रांति के दिन ‘एलु बिरोधु’ नामक एक अनुष्ठान का आयोजन होता है. इस कार्यक्रम में कई परिवारों की महिलाएं शामिल होती हैं और एक दूसरे संग क्षेत्रीय व्यंजनों जिसे एलु बेला कहते हैं, का आदान प्रदान करती हैं.

आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति

आंध्र प्रदेश में मकर संक्रांति का पर्व तीन दिनों तक मनाया जाता है. लोग इस दिन पुरानी और बेकार चीजों को फेंक कर नई चीजें घर लाते हैं.