सर्दियों का मौसम चल रहा है और ऐसे में हम सभी को अपनी इम्युनिटी को स्ट्रॉंग करना बेहद जरूरी होता है और इसका सबसे अच्छा तरीका है सही खान-पान. ठंड के मौसम में च्यवनप्राश खाना बहुत अच्छा होता है क्योंकि ये हमें अंदर से स्ट्रॉंग बनाता है. बाजार में मिलने वाला च्यवनप्राश मिलावटी हो सकता है. आप घर पर बाजार की तुलना में बहुत अच्छा च्यवनप्राश ज्यादा शुद्ध और पौष्टिक तरीके से बिना केमिकल वाला बना सकते है. आज हम आपको घर में च्यवनप्राश बनाने की रेसिपी बतायेंगे.

सामग्री
आँवला – 1 किलो
देसी घी – 200 ग्राम
गुड़ या काला/खड़ा शक्कर – 1.2 से 1.5 किलो
शहद – 200 ग्राम
ताज़ा अदरक का रस – 2 बड़े चम्मच
तिल का तेल – 100 ml
दालचीनी – 10 ग्राम
छोटी इलायची – 10 ग्राम
बड़ी इलायची – 10 ग्राम
नागकेसर – 5 ग्राम
पिप्पली (लॉन्ग पेपर) – 10 ग्राम
लौंग – 5 ग्राम
काली मिर्च – 5 ग्राम
अश्वगंधा – 20 ग्राम
शतावरी – 20 ग्राम
विदारीकंद – 20 ग्राम
मुलेठी – 10 ग्राम
सूखा अदरक (सौंठ) – 10 ग्राम
विधि
- सबसे पहले आँवले को धोकर हल्का सा काट लें. इन्हें लगभग एक लीटर पानी में धीमी आंच पर तब तक उबालें जब तक आँवले नरम न हो जाएं. बीज निकालकर आँवले को मिक्सी में पीसकर मुलायम पेस्ट बना लें.
- ऊपर दिए सभी मसालों को हल्का भूनकर बारीक पाउडर बना लें. अलग रख दें.
- एक बड़े पैन या कड़ाही में तिल का तेल गर्म करें. इसमें आँवला पेस्ट डालकर धीमी आंच पर लगातार चलाते हुए भूनें. जब मिश्रण गाढ़ा और चमकदार हो जाए, तब घी डालें.
- एक दूसरे बर्तन में गुड़ को थोड़ा पानी डालकर पिघला लें. इसे छानकर आँवला मिश्रण में डाल दें. धीमी आंच पर चलाते रहें जब तक मिश्रण जैम की तरह ना हो जाए.
- अब तैयार किए मसाला पाउडर को डालकर अच्छी तरह मिला दें. आँच बिल्कुल कम रखें और 7–10 मिनट चलाते हुए पकाएं.
- गैस बंद करके मिश्रण को पूरी तरह ठंडा होने दें. जब यह पूरी तरह ठंडा हो जाए तभी शहद मिलाएं. च्यवनप्राश को कांच के जार में भरकर रखें. फ्रिज की आवश्यकता नहीं, कमरे के तापमान पर 3–6 महीने आराम से चलेगा.
इसे खाएं च्यवनप्राश
बड़ों के लिए-1–2 चम्मच सुबह और रात गुनगुने दूध या पानी के साथ.
बच्चों के लिए: ½–1 चम्मच (1 साल से छोटे बच्चों को न दें).
च्यवनप्राश खाने के फायदे
- इम्युनिटी मजबूत करता है.
- सर्दी–जुकाम से बचाता है.
- पाचन अच्छा करता है.
- ताकत, भूख और स्टैमिना बढ़ाता है.
- एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C का बेहतरीन स्रोत.
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