राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। बिहार की तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी मखाना की खेती होगी। प्रदेश के चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट लागू किया जाएगा। 150 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। इस योजना के तहत एमपी के 99 कृषकों ने ऑनलाइन आवेदन किए हैं।

उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा है कि मध्यप्रदेश में भी बिहार की तर्ज पर मखाना की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी में मखाना खेती क्षेत्र विस्तार को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें: 6 वें राष्ट्रीय जल पुरस्कारों की घोषणाः एमपी को दो कैटेगरी में मिले पुरस्कार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 18 नवंबर को देंगी पुरस्कार, सीएम डॉ मोहन ने दी बधाई

भारत समेत अरब और यूरोप के देशों में मांग

इन जिलों के किसानों को योजना से जुड़ने की अपील की हआ है। मखाने का उत्पादन भी सिंघाड़ा की तरह छोटे-छोटे तालाबों में किया जाता है। बिहार में मखाना उत्पादन बड़े पैमाने पर होता है। मखाने के बीज को फल का स्वरूप प्रदान करने के लिए छोटी-छोटी उत्पादन ईकाइयां भी लगाई जाती है, मखाने की भारत समेत अरब और यूरोप के देशों में काफी मांग रहती है।

केंद्र सरकार ने मखाना बोर्ड का किया है गठन

उल्लेखनीय है कि मखाना उत्पादन को प्रोत्साहन देने के लिए भारत सरकार की ओर से मखाना बोर्ड का गठन भी किया गया है। मध्य प्रदेश की जलवायु भी मखाना के उत्पादन के लिए अनुकूल है। इसलिए प्रदेश के किसानों को इस ओर आकर्षित करने की आवश्यकता है।

ये भी पढ़ें: ‘मध्य प्रदेश का भविष्य सेंधवा-बड़वानी’: लल्लूराम डॉट कॉम और News24 MP-CG का खास कार्यक्रम, छोटी इंडस्ट्री लाने की हो रही प्लानिंग

150 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य

आयुक्त उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण अरविंद दुबे ने बताया कि प्रदेश के 4 जिलों नर्मदापुरम, बालाघाट, छिंदवाड़ा और सिवनी जिले में 150 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है। इस पर 45 लाख रुपये खर्च करने का लक्ष्य रखा गया है। मखाना उत्पादन करने वाले कृषकों को 75 हजार प्रति हेक्टेयर या लागत का 40 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि योजना के तहत प्रदेश के 99 कृषकों की ओर से ऑनलाइन आवदेन किया जा चुका है।

Lalluram.Com के व्हाट्सएप चैनल को Follow करना न भूलें.
https://whatsapp.com/channel/0029Va9ikmL6RGJ8hkYEFC2H