राजधानी के 11 वर्षीय छात्र जनमेश सागर ने सीएम श्री स्कूलों में कक्षा 6, 7 और 8 में दाखिले के लिए लागू की गई प्रवेश परीक्षा को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय(Delho High Court) में याचिका दायर की है। यह याचिका उनके पिता के माध्यम से दाखिल की गई है। इससे पहले, छात्र ने इसी मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जहां से उन्हें राहत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट जाने की सलाह दी गई।
याचिका में दिल्ली सरकार की उस नीति को चुनौती दी गई है, जिसके तहत सीएम श्री स्कूलों में प्रवेश के लिए छात्रों की परीक्षा ली जा रही है। याचिकाकर्ता का कहना है कि यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम की धारा 13 का उल्लंघन है, जो प्राथमिक स्तर पर किसी भी तरह की स्क्रीनिंग या प्रवेश परीक्षा पर प्रतिबंध लगाती है। छात्र का तर्क है कि इस तरह की परीक्षा न केवल आरटीई का उल्लंघन है, बल्कि बच्चों के मौलिक अधिकारों का भी हनन करती है। याचिका में यह भी कहा गया है कि दिल्ली सरकार द्वारा 23 जुलाई 2025 को जारी किया गया प्रवेश परीक्षा सम्बंधी सर्कुलर पूरी तरह गैरकानूनी और असंवैधानिक है।
याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि हाईकोर्ट स्पष्ट करे कि RTE अधिनियम की धारा 13 सभी एलीमेंट्री स्कूलों पर लागू होती है, जिनमें सीएम श्री जैसे सरकारी स्कूल भी शामिल हैं। छात्र का कहना है कि कम उम्र के बच्चों से प्रवेश परीक्षा लेना भेदभावपूर्ण है और समान शिक्षा के उद्देश्य को कमजोर करता है। इससे गरीब और सामान्य परिवारों के बच्चों के लिए बेहतर स्कूलों तक पहुंच प्रभावित होती है। इस याचिका पर शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है।
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