पंकज भदौरिया, दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ राज्य को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार के साथ 195 वाहिनी के.रि.पु.बल ने भी कदम से कदम मिलाने का फैसला किया है। उल्लेखनीय है की प्रदेश में कुपोषण से सर्वाधिक प्रभावित बस्तर संभाग है जो प्रायः आदिवासी बहुल और नक्सली हिंसा से पीड़ित है। मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान की शुरूआत राज्य सरकार द्वारा गत 15 जनवरी से की गई हैं। इसी क्रम में 195 वाहिनी द्वारा अबुझमाड़ के पुसपाल और मालेवाही में इस पखवाड़े का दूसरा चिकित्सा शिविर लगाया गया। शुक्रवार को आयोजित इस शिविर में कुल 90 लोगो के खून की जॉंच की गई जिसमें करीब 20 व्यक्ति मलेरिया से पीड़ित पाये गये।
हर पांचवा व्यक्ति है मलेरिया से पीडि़त
शुक्रवार को साप्ताहिक बाजार से लौट रहे ग्रामीणों की 195 वाहिनी की चिकित्सा टीम द्वारा मालेवाही गांव में रैण्डम तौर पर मलेरिया की जांच की गई, जिसमें आश्चर्यजनक रूप में हर पांचवा व्यक्ति मलेरिया से ग्रस्त पाया गया । सबसे खास बात यह है कि, इनमें से किसी भी व्यक्ति ने स्वतः तौर पर अस्पताल आकर अपने बुखार या बीमारी के बारे में डॉक्टर से सम्पर्क नहीं किया था। बटालियन के चिकित्साधिकारी द्वारा देर शाम तक ग्रामीणों की रक्तजांच जारी थी। मलेरिया पॉजिटिव पाये गये सभी ग्रामीणों को आवश्यक दवाईयॉं एवं परामर्श देकर घर भेजा गया। वाहिनी के डॉक्टर ने बताया की अबुझमाढ़ मे कुपोषण का एक मुख्य कारण मलेरिया है। अतः खून की कमी और कुपोषण रोकने के लिए मलेरिया की रोकथाम एवं इसके प्रति जागरूकता अत्यंत जरूरी है। गौरतलब है कि मलेरिया एवं एनिमिया के कारण प्रतिवर्ष बड़ी संख्या में आदिवासी महिलाएं एवं बच्चे असमय अपनी जान गवा देते हैं।
हाट बाजार से लेकर सुदूर के गांव में पहुॅचेगी 195 वाहिनी की चिकित्सा टीम
बटालियन के कमाण्डेन्ट राकेश कुमार सिंह ने बतया की 195 वाहिनी राज्य सरकार की कुपोषण और मलेरिया से लड़ने की मुहिम में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही है। पिछले 15 दिनो में हम दो बड़े चिकित्सा शिविर अबुझमाड में आयोजित कर चुके है एवं आगामी माह में इन शिविरों को और भी दूर दराज के इलाको में आयेजित किया जायेगा, जिससे भविष्य में से एनिमिया और मलेरिया जैसी बीमारियों से होने वाली अकाल मौतों से मासूम बच्चो एवं महिलाओं को बचाया जा सके। इसके अतिरिक्त वाहिनी की योजना बस्तर संभाग के विभिन्न इलाको में जाकर सिविक एक्शन प्रोग्राम के तहत मलेरिया से बचने के विभिन्न उपायों, आवश्यक दवाईयों एवं मच्छरदानी का वितरण करने की है। साथ ही नुक्कड़-नाटक के माध्यम से आम जन को कुपोषण एवं मलेरिया के प्रति जागरूक किया जायेगा।
24 घंटे खुला है वाहिनी का अस्पताल
195 वाहिनी द्वारा आस-पास के ग्रामीणों से अपील की गई है कि, वे किसी भी प्रकार के बुखार को नजरअंदाज न करे एवं तत्काल बिना किसी संकोच के बारसूर स्थित वाहिनी के मुख्यालय अस्पताल में अपने रक्त की निशुल्क जांच करायें। वाहिनी के अस्पताल में किसी भी प्रकार के उपचार व दवा के लिए किसी भी तरह का कोई शुल्क नही लिया जायेगा ।
छः लाख परिवारों तक पहुॅंचने का लक्ष्य
बस्तर को मलेरिया, कुपोषण और एनीमिया के मुक्त करने के लिए 15 जनवरी से संभाग के सातों जिलो में व्यापक रूप से अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम के 25 जनवरी को मुख्यमंत्री कई बड़ी योजनाओ का शुभारंभ करने दंतेवाड़ा आ रहे हैं। जिसमें सर्वाधिक महत्वकांक्षी मधुर गुड़ एवं मलेरिया मुक्त बस्तर योजना है। जिसके तहत संभाग के छह लाख परिवारों तक पहुॅंचकर उनका कुपोषण दूर करना है।