रायपुर। छत्तीसगढ़ में मलेरिया मुक्त अभियान चलाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक 1 लाख 41 हजार घरों में पहुंची है, जहां 6 लाख 27 हजार 363 लोगों की मलेरिया जांच कर चुकी है. इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 4735 मरीजों का मौके पर ही इलाज शुरू किया गया. बस्तर संभाग के 7 जिलों में इस अभियान का चौथा चरण 15 जून से शुरू किया गया है. वहीं सरगुजा संभाग के 5 जिलों में इस अभियान का दूसरा और प्रदेश के 9 अन्य जिलों में पहला चरण संचालित किया जा रहा है. बस्तर और सरगुजा संभाग में पूर्व में संचालित इस अभियान के अच्छे नतीजों को देखते हुए मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को इस बार 21 जिलों में विस्तारित किया गया है.

20 लाख 43 हजार से अधिक मलेरिया जांच का लक्ष्य

बस्तर संभाग में पहले मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के नाम से चलाया गया. इस अभियान के प्रभाव की सराहना नीति आयोग और यूएनडीपी ने भी की है. इसे देश के आकांक्षी जिलों में संचालित सर्वश्रेष्ठ अभियानों में से एक बताया है. राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन छत्तीसगढ़ द्वारा संचालित मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत इस बार 21 जिलों में 20 लाख 43 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच का लक्ष्य है. अभियान के दौरान मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की टीम घने जंगलों और पहाड़ों से घिरे बस्तर संभाग के पहुंचविहीन, दुर्गम और दूरस्थ इलाकों में घर-घर पहुंचकर 11 लाख 37 हजार से अधिक लोगों की जांच करेगी. वहीं 14 अन्य जिलों में करीब 9 लाख 6 हजार लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी.

5 लाख 36 हजार से अधिक लोगों की हुई मलेरिया जांच

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि बस्तर संभाग में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के चौथे चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक 1 लाख 18 हजार घरों में पहुंचकर 5 लाख 36 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच कर चुकी है. इस दौरान पॉजिटिव पाए गए 4676 लोगों का तत्काल इलाज शुरू किया गया. स्वास्थ्य विभाग का अमला अब तक बस्तर जिले में 60 हजार 835, बीजापुर में 97 हजार 016, दंतेवाड़ा में एक लाख 19 हजार 172, कांकेर में 30 हजार 669, कोंडागांव में 44 हजार 721, सुकमा में एक लाख 20 हजार 687 और नारायणपुर में 63 हजार 080 लोगों की जांच कर चुकी है.

बस्तर संभाग की स्थिति

डॉ. प्रियंका शुक्ला ने बताया कि जांच में बस्तर जिले में 647, बीजापुर में 730, दंतेवाड़ा में 608, कांकेर में 206, कोंडागांव में 295, सुकमा में 683 और नारायणपुर में 1507 लोग मलेरियाग्रस्त पाए गए. अभियान के दौरान मलेरिया के मरीजों को निःशुल्क दवा देने के साथ ही घरों में मच्छररोधी स्प्रे का छिड़काव, लार्वा को नष्ट करने की गतिविधि और मेडिकेटेड मच्छरदानियों का वितरण किया जा रहा है. लोगों को मच्छरों और मलेरिया से बचाव के बारे में जागरूक भी किया जा रहा है. चौथे चरण के दौरान अब तक पॉजिटिव पाए गए 51 प्रतिशत मरीजों में मलेरिया के लक्षण दिखाई दे रहे थे, जबकि 49 प्रतिशत में इसके कोई लक्षण नहीं थे. नियमित सर्विलेंस के दौरान मलेरिया के अलाक्षणिक मरीज पकड़ में नहीं आते हैं. बिना लक्षण वाले मरीज रिजर्वायर के रूप में समुदाय में रहते हैं. इनके द्वारा मलेरिया का संक्रमण होते रहता है. अलाक्षणिक मलेरिया एनीमिया और कुपोषण का भी कारण बनता है.

सरगुजा संभाग की स्थिति

मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के दूसरे चरण वाले सरगुजा जिले में अब तक 14 हजार 177, सूरजपुर में 3277, बलरामपुर-रामानुजगंज में 15 हजार 132, जशपुर में 15 हजार 788 और कोरिया में 3174 लोगों की जांच की गई है. अभियान में पहली बार शामिल गरियाबंद जिले में अब तक 5730, धमतरी में 5392, कोरबा में 12 हजार 298, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 4351, कबीरधाम में 10 हजार 399 और बालोद में 1419 लोगों की मलेरिया जांच की गई है. इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग की टीम अब तक करीब 23 हजार घरों में पहुंचकर 91 हजार से अधिक लोगों की जांच कर चुकी है. जिनमें 59 पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें बलरामपुर और बालोद के दो-दो, कोरिया और कोरबा के एक-एक, गरियाबंद के 18, धमतरी के 8 और कबीरधाम जिले के 27 मरीज शामिल हैं.

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