नीरज काकोटिया, बालाघाट। मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के दक्षिण बैहर के आदिवासी गावों में मलेरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है। जहां बड़े से लेकर छोटे बच्चे प्रभावित है। गरीब परिवार होने से उन्हें इलाज को लेकर भी दिक्कतें हो रही है।
जानकारी के मुताबिक, बालाघाट के दक्षिण बैहर के आदिवासी व नक्सल प्रभावित गांवों घुम्मुर, सोनगुडडा, डाबरी, कोदापार, अलना, बिठली, चारघाट समेत दर्जनभर से अधिक गांवों में मलेरिया का प्रकोप चल रहा है। ग्रामीण अंचल में काफी समय से यह प्रभाव बना हुआ है। जिसमें कई लोग प्रभावित है। इस बीमारी के होने के चलते पिछले दिनों अलग-अलग गांवों में कुछ सदस्यों की मौत हो गई है। कई परिवार में कोई ना कोई सदस्य मलेरिया या बुखार से प्रभावित है।
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इससे स्वास्थ्य सेवा पर सवाल उठ रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि वे स्थानीय स्तर पर इलाज के लिये प्राथमिक केंद्र जा रहे है, लेकिन उपचार सेवा से लाभ नहीं मिल रहा है। प्राइवेट चिकित्सक उपचार के लिए पहुंचते है तो उन्हे रुपये खर्च करने पड़ते है। बीते दिनों शिविर आयोजित किया गया तो कोदापार में ही 8 लोगों की रिपोर्ट मलेरिया पॉजिटिव आयी थी।
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हालांकि बीएमओ का दावा है कि वे क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा दे रहे है। ग्रामीणों को मलेरिया बीमारी से बचाव के लिये मच्छरदानी का वितरण किया गया और गमोजिया मछली भी पानी के जमाव वाले स्थल में डाली गई है। मच्छरदानी ग्रामीण लगा नहीं रहे है। हालांकि उन्होंने माना कि क्षेत्र में मलेरिया का प्रभाव बना हुआ है।

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