नई दिल्ली। भारत विरोधी नारा लगाकर मालदीव की सत्ता में आए राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के सुर शनिवार को भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से मुलाकात के बाद बदले हुए नजर आए. 28 द्वीपों में फैली जल एवं स्वच्छता परियोजनाओं के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुइज्जू ने भारत को मालदीव का सबसे करीबी सहयोगी और अमूल्य साझेदार बताया.

जयशंकर ने कहा कि भारत-मालदीव विकास सहयोग हमारी साझेदारी के आदर्श वाक्य – “मालदीव द्वारा कल्पना, भारत द्वारा कार्यान्वित” को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास अपने संबंधों की इस परिभाषित विशेषता का लाभ उठाना और नई ऊंचाइयों को छूना होगा.

उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि महामहिम राष्ट्रपति आपके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन के साथ, हमारे संयुक्त प्रयास, हमारी संयुक्त गतिविधियाँ और हमारा साझा दृष्टिकोण हमारे दोनों देशों की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा. राष्ट्रपति मुइज़ू ने मालदीव और भारत के बीच ऐतिहासिक और घनिष्ठ संबंधों को मजबूत करने के लिए अपने प्रशासन की पूर्ण प्रतिबद्धता की पुष्टि की.

राष्ट्रपति कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया. उन्होंने कहा, “भारत हमेशा से सबसे करीबी सहयोगियों और अमूल्य भागीदारों में से एक रहा है, जिसने मालदीव को जब भी ज़रूरत पड़ी, सहायता प्रदान की है.”

मुइज़ू ने मालदीव को “उदार और निरंतर सहायता” के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारतीय सरकार और भारत के “मित्रवत लोगों” के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया. राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए अपनी हाल की भारत यात्रा को भी याद किया और निमंत्रण और उनसे तथा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने के अवसर के लिए आभार व्यक्त किया.

पिछले साल मुइज़ू के पदभार ग्रहण करने के बाद मालदीव की अपनी पहली यात्रा पर जयशंकर ने कहा कि मालदीव भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति के साथ-साथ वैश्विक दक्षिण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक आधार है.