2008 के मालेगांव बम विस्फोट(Malegaon bom Blast) मामले में आरोपी पूर्व भाजपा सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर(Pragya Singh Thakur) के खिलाफ जारी जमानती वारंट गुरुवार को एक विशेष अदालत में पेश होने के बाद रद्द कर दिया गया. नवंबर 2024 में, राष्ट्रीय जांच एजेंसी से संबंधित मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष अदालत ने ठाकुर के खिलाफ वारंट जारी किया था, क्योंकि वह कई बार अदालत के समक्ष पेश होने में विफल रही थीं.
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वर्तमान में मुकदमे का अंतिम चरण चल रहा है, जिसमें सभी आरोपियों को रोजाना सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया गया है. गुरुवार को प्रज्ञा ठाकुर ने अपने वकील के माध्यम से जमानती वारंट को रद्द करने की मांग की. प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी अर्जी में कहा कि वह अस्वस्थ होने के कारण अदालत में पेश नहीं हो सकती थीं.
विस्फोट 2008 में हुआ था
29 सितंबर 2008 को मुंबई से लगभग 200 किलोमीटर दूर मालेगांव में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में विस्फोट हुआ, जिसमें छह लोग मारे गए और 100 से अधिक लोग घायल हुए. कोर्ट ने जमानती वारंट को रद्द कर दिया और प्रज्ञा ठाकुर को शुक्रवार को अदालत में उपस्थित रहने का आदेश दिया.
महाराष्ट्र एटीएस (ATS) ने पहले मामले की जांच की, लेकिन बाद में यह एनआईए (NIA) को सौंप दिया गया. अक्टूबर 2018 में आरोपियों के खिलाफ आरोप लगाए गए थे. इस समय अदालत मामले की अंतिम दलीलें सुन रही है. बीजेपी नेता प्रज्ञा ठाकुर ने अपने वकील को बताया कि प्रतिबंधित संगठन सिमी इस ब्लास्ट में शामिल हो सकता है.
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