प्रयागराज. मेरठ जिले में 1987 के मलियाना नरसंहार में 39 आरोपियों को बरी करने के फैसले की इलाहाबाद हाईकोर्ट समीक्षा करेगी. इसमें पीएसी कर्मियों समेत भीड़ ने 72 लोगों की हत्या कर दी थी. मारे गए लोगों को न्याय दिलाने की लड़ाई अब हाईकोर्ट में लड़ी जाएगी. निचली अदालत के फैसले को पीड़ित पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी है.

दरअसल, मेरठ के मलियाना में वर्ष 1987 में एक भीड़ ने 72 लोगों की हत्या कर दी थी. इसमें पीएसी जवानों की संलिप्तता का भी आरोप लगा था. पिछले दिनों सबूत के अभाव में मामले के 39 आरोपियों को बरी करने का आदेश निचली अदालत की ओर से दिया गया है. मलियाना नरसंहार के सर्वाइवर रइस अहमद की निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई.

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जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस मनीष कुमार निगम की पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए इस केस की फाइल के लिए निचली अदालत को समन जारी करने का आदेश दिया. साथ ही, केस की अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख तय कर दी. रइस ने मेरठ जिले की सेशन कोर्ट की ओर से आए 31 मार्च के फैसले को चुनौती दी है. सेशन कोर्ट ने सबूतों के अभाव में हत्याकांड के 39 आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया था.

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